जारी रहेगी, दलाई लामा की परंपरा चीन को नहीं मिलेगा हस्तक्षेप का अधिकार
नई दिल्ली : तिब्बती समुदाय और वैश्विक बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घोषणा करते हुए 14वें दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो ने बुधवार को स्पष्ट किया कि दलाई लामा की प्रथा जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में चीन का कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा। दलाई लामा के कार्यालय से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गदेन फोड्रांग ट्रस्ट (Gaden Phodrang Trust) को ही अगले दलाई लामा की पहचान करने का पूर्ण अधिकार होगा। “इस प्रक्रिया में किसी अन्य को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।”
दलाई लामा ने कहा कि उन्होंने सितंबर 2011 के बाद से इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं की थी, लेकिन दुनियाभर के तिब्बती और बौद्ध समुदायों से निरंतर अनुरोध प्राप्त हो रहे थे कि इस संस्थान को जारी रखा जाए। उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करता हूं कि दलाई लामा का संस्थान जारी रहेगा। यह निर्णय दुनियाभर के बौद्ध संगठनों के अनुरोध के बाद लिया गया है।”