नींद का प्रभाव हमारे मन, क्रियाकलाप, स्वभाव, आचरण और बुद्धि पर पड़ता है : महेश अग्रवाल

भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक केंद्र के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल ने बताया कि आज दिनाँक 15 अक्टूबर को इंडस गार्डेन , कालोनी  बावड़ियाँ कलाँ में योग प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की गई  एवं प्रतिदिन शाम को 5 बजे से 6:30 बजे तक निःशुल्क योग क्लास रहेगी। सदस्यों को योग अभ्यास के साथ योग निद्रा का महत्व बताया। इस अवसर पर कालोनी के सम्मानीय रहवासी सहित प्रमुख रुप से अध्यक्ष श्री रमन श्रीवास्तव,  मधुमेह विषेशज्ञ डॉ. नरेन्द्र भार्गव, आर पी साहू,  उषा सक्सेना, श्रीमती भदोरिया, श्रीमती साहू, सविता गुप्ता, ज्योति राजपूत, सपना निगम, मनीषा रमन , उर्मिला सिंह उपस्थित रहें योग गुरु अग्रवाल ने बताया कि योगनिद्रा का मतलब होता है अतीन्द्रिय निद्रा। यह वह नींद है जिसमें जागते हुए सोना है। यह निद्रा और जागृति के मध्य की स्थिति है। यह हमारी आन्तरिक जागरूकता की स्थिति है। इसमें हम चेतना, अवचेतन मन और उच्च चेतना से सम्बन्ध स्थापित करते हैं। अभ्यास की प्रारम्भिक स्थिति में किसी बोलने वाले का होना आवश्यक है। इसके लिए यदि सम्भव हो तो टेप रिकार्डर का इस्तेमाल किया जा सकता है। आगे चलकर जब आपको निर्देश याद हो जायेंगे तो आप स्वयं ही अकेले में अभ्यास कर सकते हैं।योगनिद्रा में अभ्यासी गहन शिथिलन की स्थिति में पहुँच जाता है। नींद की प्रारम्भिक तैयारी के रूप में भी इसका अभ्यास किया जाता है। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि किस तरह सोना चाहिए। वे अनेक प्रकार की चिन्ताओं का बोझ लिए हुए अपनी समस्याओं पर विचार करते हुए सो जाते हैं। नींद में भी उनका मन सक्रिय तथा शरीर तनावपूर्ण रहता है। जब वे सोकर उठते हैं, तो उन्हें थकान लगती है। नींद के द्वारा उन्हें विश्राम नहीं मिल पाता। बहुत मुश्किल से कोशिश करते-करते वे आधे घण्टे के बाद बिस्तर से उठते है। अत: हर व्यक्ति को वैज्ञानिक ढंग से सोने की कला सीखनी चाहिए। सोने के पहले योगनिद्रा का अभ्यास करें। इससे सम्पूर्ण शरीर और मन शिथिल हो जायेगा। नींद गहरी आयेगी और कम समय में पूरी हो जायेगी और जागने पर आप ताजगी एवं स्फूर्ति का अनुभव करेंगे।

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