कवर्धा के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मारपीट राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था का नमूना

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कवर्धा में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह अतिथियों के सामने सांसद संतोष पाण्डेय, एसपी कलेक्टर सभी थे कार्यक्रम में उनके सामने जिस प्रकार से मारपीट की गयी, उपद्रवी एक दूसरे को पीट रहे थे, यह बताने के लिए पर्याप्त है कि राज्य की कानून व्यवस्था कितनी बदहाल हो चुकी है। सरकार और पुलिस का खौफ अपराधियों में नहीं है।

विदेश यात्रा का प्रदेश को क्या फायदा, बताये


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय विदेश दौरे पर 10 दिनों के लिए जा रहे, वे जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करेंगे। कुछ दिन पहले वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी एक हफ्ते के अमेरिका प्रवास पर गये थे उनके वहां जाने का प्रदेश को क्या फायदा हुआ, आज तक उन्होंने प्रदेश की जनता को नहीं बताया। उपमुख्यमंत्री अरूण साव भी विदेश होकर आये है। अब मुख्यमंत्री जा रहे उम्मीद है कि उनके विदेश यात्रा का प्रदेश को कुछ फायदा मिलेगा क्योंकि इन विदेश यात्राओं पर प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का लाखों रूपया खर्च होता है।

पूरे प्रदेश में आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से बेदखल करने का षड़यंत्र

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य के आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर अधिकार को बेदखल करने का काम भाजपा सरकार कर रही है। प्रदेश के अनेक जिलों के आदिवासियों के द्वारा धारित जमीनों के सरकारी रिकार्ड गायब किये जा रहे है ताकि आदिवासियों के जमीन पर दावों को खारिज किया जा सके।
हमारे नेता राहुल गांधी ने ‘कागज मिटाओ, अधिकार चुराओ’ के टैग के साथ आदिवासियों के पट्टे गायब करने का आंकड़ा जारी किया है।
आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों में प्रमाणित है कि बस्तर जिले में विगत 1 साल के भीतर ही दुर्भावना पूर्वक 2788 वनाधिकार कम हो गए, जनवरी 2024 तक व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टों की संख्या 37958 थे जो मई 2025 तक घटकर 35180 रह गई। केवल बस्तर जिले में ही एक साल के भीतर 2788 आदिवासी परिवारों के अधिकार छीन लिए गए। इसी तरह राजनांदगांव जिले में सामुदायिक वन अधिकार पट्टे की कुल संख्या पिछले साल की तुलना में आधी रह गई है। बीजापुर जिले में भी हर महीने लगातार कटौती परिलक्षित है। 20 महीने की सरकार के दौरान एक भी नया वन अधिकार पट्टा यह सरकार जारी नहीं कर पाई है, उल्टे जो पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय प्रदेश के आदिवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टा जारी किए गए थे उन्हें भी दुर्भावना पूर्वक गायब किया जा रहा है।

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