बिहार की सत्ता का फाइनल , किसके सिर सजेगा ताज?
बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए राज्य तैयार है, जहाँ नीतीश कुमार के दो दशक के शासन की निरंतरता या तेजस्वी यादव की पहली बड़ी चुनावी जीत का फैसला होगा। एग्जिट पोल भले ही एनडीए के पक्ष में बड़ी जीत का अनुमान लगा रहे हैं, लेकिन महागठबंधन ने इन दावों को खारिज करते हुए अपनी बहुमत का भरोसा जताया है, जिसके चलते मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और राजनीतिक सरगर्मी तेज है।
क्या बिहार में नीतीश कुमार का दो दशक पुराना शासन जारी रहेगा, या राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पार्टी की कमान संभालने के बाद अपनी पहली बड़ी चुनावी जीत हासिल करेंगे? इसका जवाब शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही मिल जाएगा, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। भाजपा, जदयू और लोजपा (रामविलास) वाला राजग एक और कार्यकाल के लिए सत्ता में आने की उम्मीद कर रहा है, जबकि विपक्षी दल महागठबंधन – जिसमें राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल प्रमुख घटक हैं – अगली सरकार बनाने की उम्मीद कर रहा है। 2020 के बिहार चुनाव में जब नीतीश कुमार ने मामूली बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, तब तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन को 12,000 से कुछ अधिक वोटों की कमी खली थी। इस चुनाव में प्रशांत किशोर भी एक बड़े फैक्टर हैं।


