Alexei Navalny को जहर देने के मामले में जो बाइडेन प्रशासन ने रूस पर लगाए प्रतिबंध
वॉशिंगटन. अमेरिकी सरकार ने मंगलवार को रूस के 7 शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, इनमें से कुछ खुफिया अधिकारी भी हैं, जिन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक एलेक्सेई नवेलनी को जहर देने के मामले में शामिल समझा जा रहा है. जो बाइडेन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि नवेलनी पर 20 अगस्त 2020 को नर्व एजेंट से हमला किया गया था, जिसमें रूस के फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) के अधिकारी शामिल थे. ये प्रतिबंध रूस की ओर से नवेलनी की हत्या की कोशिशों के खिलाफ लगाया गया है, हालांकि रूस ने नवेलनी पर जानलेवा हमले से इनकार किया है.
डोनाल्ड प्रशासन से ज्यादा सख्त है बाइडेन प्रशासन
नवेलनी पर हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने रूस (Russia) को लेकर बयानबाजी तो की थी, लेकिन कोई प्रतिबंध नहीं लगाए थे. वहीं जो बाइडेन प्रशासन ने न सिर्फ रूस की कड़ी निंदा की है, बल्कि रूस के 7 शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगा दिए हैं. एक अधिकारी ने कहा कि हम न तो रूस के साथ अपने संबंधों को रीसेट कर रहे हैं, न ही संबंधों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की नीति साफ है कि रूस अपनी सीमा से बाहर जाकर जो भी अनैतिक कृत्य करेगा, उसपर हम प्रतिबंध लगाएंगे.
पिछले साल अगस्त में नवेलनी पर हुआ था हमला
20 अगस्त 2020 को नवेलनी विमान से साइबेरिया में यात्रा कर रहे थे, तभी उनपर नर्व एजेंट से हमला हुआ था. जिसके बाद उन्हें जर्मनी एयरलिफ्ट कर ले जाया गया था. यहीं पर जांच में खुलासा हुआ था कि उनपर नर्व एजेंट से हमला हुआ है. हालांकि रूस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा कि नवेलनी पर नर्व एजेंट के हमले के कोई साफ सबूत नहीं है. इस बीच रूस ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद प्रतिक्रिया में कहा है कि उसपर अमेरिकी प्रतिबंधों का कोई फायदा नहीं मिलेगा. बल्कि इससे रूस-अमेरिका के संबंध और भी बिगड़ेंगे, जो पहले से ही अच्छे हाल में नहीं हैं. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने कहा है कि रूस भी अमेरिकी प्रतिबंधों का जवाब जल्द ही देगा.
कई मुद्दों पर रूस-अमेरिका में तनातनी
रूस-अमेरिका के बीच ऐतिहासिक तनातनी रही है. मौजूदा समय में भी दोनों देश कई मुद्दों पर एक दूसरे के विरोध में हैं. नवेलनी के मामले के अलावा अमेरिका रूस के उक्रेन और जॉर्जिया में सैन्य हस्तक्षेप का विरोध कर रहा है. वहीं अमेरिका की सरकारी एजेंसियों ने रूस पर साइबर हैकिंग के भी आरोप लगाए हैं. हालांकि रूस अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर चुका है.