मन संसार की सेवा में,तन प्रभु के चरणों में अर्पित करना चाहिए

श्रीराम काव्यार्चन में बाबा रामगोपाल दास
बिलासपुर. मनुष्य को अपना तन संसार की सेवा में और अपना मन प्रभु के चरणों में अर्पित करना चाहिए।”यह विचार मारुति धाम देवरघटा से आये परम श्रध्देय बाबा रामगोपाल दास जी ने यह विचार व्यक्त किया।वे साईं आनन्दम् में भगवान श्रीराम पर केंद्रित काव्योत्सव को 20 जनवरी की शाम संबोधित कर रहे थे।
         कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं थावे विद्यापीठ गोपाल गंज बिहार के कुलपति डॉ.विनय कुमार पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के इस पवित्र वातावरण में उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया गया । अच्छा हो यदि बिलासपुर के सभी रचनाकारों की श्रीराम पर केंद्रित रचनाओं को एकत्रित कर साझा संकलन में प्रकाशित किया जाये।
           22 जनवरी को भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में होने वाले ऐतिहासिक प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के क्रम में देश भर में आयोजन हो रहे हैं जिससे मानव समाज राममय हो गया है।इस अवसर पर यह काव्योत्सव आयोजित किया गया।
     इस काव्योत्सव में जिले भर से आये 50 से अधिक रचनाकार शामिल हुए।इनमें प्रमुख रूप से विजय कल्याणी तिवारी,अमृतलाल पाठक,ओमप्रकाश भट्ट,उषा तिवारी,बुधराम यादव,शैलेन्द्र गुप्ता, मयंक मणि दुबे,अवधेश भारत, पूर्णिमा तिवारी,मनीषा भट्ट,आभा गुप्ता,हूप सिंह क्षत्री, पदुमलाल वैष्णव,एन.के. शुक्ला, एम.डी. मानिकपुरी,राघवेंद्र दुबे,राकेश खरे,डॉ.ए.के.यदु,राकेश पांडेय, डॉ.संगीता मनीष बनाफ़र,शोभा त्रिपाठी ,आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी महेंद्र सिंह जी आदि शामिल हैं। समारोह का संचालन हरवंश शुक्ल ने आभार प्रदर्शन केशव शुक्ला ने किया।

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