युक्तियुक्तकरण पूरी तरह से अन्यायपूर्ण, कहीं रिक्त पद की जानकारी छिपाये तो कहीं दर्जनों शिक्षक होने के बावजूद शिक्षक विहीन बता रहे

रायपुर । शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से अन्यायपूर्ण करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है रायपुर सहित लगभग सभी जिले के अनेकों स्कूलों में सैकड़ों रिक्त पदों की जानकारी छिपाई जा रही, कई स्कूल ऐसे हैं, जहां दर्जनों शिक्षक होने के बावजूद उन्हें एकल शिक्षक या शिक्षक विहीन स्कूल बता कर शिक्षकों को जबरिया भेज रहे हैं। कई स्कूलों में जहां अतिशेष बताकर शिक्षकों को अन्यत्र भेजा गया है, उन्हीं स्कूलों में फिर से उसी विषय के शिक्षक भेजे जा रहे हैं। सरकार में बैठे लोग अपने चहेतों को अतिशेष की सूची से बाहर कर दिए। सीनियर जूनियर का ध्यान नहीं रखा गया, अनेकों प्रकरण में वरिष्ठता क्रम और विषयवार चक्रीय क्रम का पालन नहीं किया गया। जिसको जहां चाहे जबरिया भेजा जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रायपुर में ही नगर निगम के जिन स्कूलों को शिक्षा विभाग में मर्ज किया गया है उन स्कूलों में भी पद रिक्त हैं। नगर निगम हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में ज्यादातर शिक्षक ऐसे हैं जो व्याख्याता नहीं हैं, जिनको मिडिल स्कूल में भेजा जाना चाहिए लेकिन अनुचित लाभ देने उन्हें हाईस्कूलों में पदस्थ किया गया है। रायपुर में नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों का शिक्षा विभाग में विलय हो चुका है, शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए निर्णय और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया कायदे से वहां पर भी लागू होना चाहिए, उनकी सैलरी भी शिक्षा विभाग से निकाला जाता है, फिर वे नियम से बाहर कैसे? क्या सरकार को नगर निगम स्कूलों के शिक्षा व्यवस्था की चिंता नहीं है या निगम स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को गर्त में डालना चाहते हैं? आखिर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से निगम स्कूलों को बाहर क्यों रखा गया है?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार मनमानी तरीके से शिक्षकों को केवल परेशान कर रही है। अनुचित दबाव मनाया जा रहे हैं, नैसर्गिक न्याय का कही पालन नहीं हो रहा है ना अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई, न आधार बताया जा रहा है, दावा आपत्ति का आवेदन लेने से इंकार कर रहे हैं, अपने कई चहेतों को अतिशेष की श्रेणी से बाहर रखा है। अनेको आदेश गुपचुप तरीके से संशोधित कर दिये गये। प्रभावित शिक्षकों को आसपास के स्कूलों के रिक्त स्थानों को छुपाकर दूर भेजा जा रहा है। रायपुर जिले के स्कूलों में रिक्त पदों को ऑप्शन में दिखाया ही नहीं जा रहा है, एकतरफा फैसले थोपकर जबरिया रिलीव किया जा रहा है, पूरी प्रक्रिया भेदभावपूर्ण है, पारदर्शिता नहीं है।