September 16, 2022
कलेक्टोरेट मुख्य मार्ग में चक्का जाम कर सरपंचों ने घेरा जिलाधीश कार्यालय
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. राज्य सरपंच संघ ने आज मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय के सामने चक्काजाम कर घेेराव कर दिया। अपने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ की जा रही प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध करते हुए सरपंचों ने झूठी शिकायत देने वालों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है। सरपंचों के उग्र प्रदर्शन को देखतेे जिला प्रशासन के अधिकारी मौक पर डटे रहे। अपनी मांगों पर अड़े सरपंचों नेे एसडीएम, अतिरिक्त कलेक्टर की एक नहीं सुनी। हो- हंगामा करते हुए सरपंच सीधे कलेक्टर के कार्यालय तक पहुंच गए। स्थिति से निपटने पुलिस की व्यवस्था की गई इसके बाद भी सरपंच देर शाम तक नारेबाजी करते रहे। आनन-फानन में जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश सरपंच संघ केे अध्यक्ष के खिलाफ की गई शिकायत पर उचित कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए आंदोलन को समाप्त करने आदेश जारी किया गया। कलेक्टोरेट में हल्ला बोलने वाल सरपंचों के खिलाफ जिला प्रशासन ने अपनी ओर से गिरफ्तारी की पूरी तैयारी की ली थी किंतु ऐन वक्त में समझौता हो गया। प्रदेश अध्यक्ष के साथ आये ग्रामीण व जनप्रतिनिधी स्वयं अपनी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे जिसके चलते प्रशासन के आला अधिकारी सकते में आ गए थे।
मालूम हो कि राज्य सरकार के खिलाफ सरपंचों के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। इसी बीच किसी ने प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष के आदित्य उपाध्यक्ष के खिलाफ ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष द्वारा व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने लिखित में दी गई शिकायत पर जांच भी प्रारंभ कर दिया गया। दूसरी ओर प्रदेश सरपंच संघ ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष पर लगाये गए आरोप बेबुनियाद हंै। जिला प्रशासन को सर्वप्रथम शिकायतकर्ताओं की जांच पड़ताल करनी चाहिए। क्योंकि जिन लोगों का नाम शिकायत पत्र में लिखा गया है वे लोग स्वयं इस बात से हैरान है कि आखिर कौन हो सकता है कि उनके नाम का सहारा लेकर शिकायत कर सकता है। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष के खिलाफ जांच कार्रवाई शुरू कर दी है।
दूसरी ओर अपने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ शुरू हुई जांच के कार्रवाई के विरोध में जिले भर के सरपंचों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर सबसे पहले चक्काजाम कर दिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। एकाएक हुए चक्का जाम के कारण मौके पर पुलिस बल को बुलाया गया। मसले को सुलझाने एसडीएम तुलाराम भारद्वाज, अतिरिक्त कलेक्टर अजीत पुजारा, तहसीलदार वैष्णव, थाना प्रभारी परिवेश तिवारी, एडिनशल एसपी, एसपी पारुल माथुर, सीएसपी मंजूलता बाज मौके पर पहुंचकर चक्का जाम को समाप्त कराने में जुट गए लेकिन उनकी एक नहीं चली। प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ की गई शिकायत का पुरजोर विरोध करते हुए सरपंचों ने कहा कि जब तक मामले में फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगी। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सरपंचों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्य योजना पर बल दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ की गई शिकायत को फर्जी करार देते हुए सैकड़ों सरपंचों ने स्वयं अपनी गिरफ्तारी देने की इच्छा जाहिर की तो जिला प्रशासन का फार्मूला भी काम नहीं आ सका। अंत में थक हार कर जिला प्रशासन द्वारा लिखित में आश्वासन दिया गया कि राज्य के सरपंच संघ के अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत देने वाले फर्जी शिकायतकर्ता पर कार्रवाई की जाएगी।