शिक्षकों को निकम्मा कहने वाले अधिकारी को संघ ने मुख्यमंत्री से की हटाने की मांग
बिलासपुर. आलोक शुक्ला प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग को पदमुक्त करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा बिलासपुर ने कलेक्टर जिला बिलासपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को आज ज्ञापन सौपा है। संघ के जिला शाखा अध्यक्ष जी और चन्द्रा एवं सचिव किशोर शर्मा ने बताया कि 30 जून को रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय बेबिनार में शिक्षा सचिव के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता पर चिन्ता व्यक्त करते हुये पूरा दोषारोपण प्रदेश के शिक्षकों पर करते हुये उन्हे “निकम्मा” जैसे स्तरहीन शब्दों से अलंकृत किया गया। प्रदेश के शिक्षा की जो दुर्दशा है उसके लिये एक मात्र शिक्षक ही जिम्मेदार नहीं है। शिक्षा व्यवस्था में अनेक प्रकार की खामिया जैसे शाला शिक्षक विहीन, भवन विहीन होने के साथ ही शिक्षकों की वर्ष भर अनेक प्रकार की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाई जाती है जिससे शाला का मूल अध्ययापन कार्य प्रभावित होता है। विगत 3 वर्षो में कोविड काल में भी अध्यापन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ऐसे में एक मात्र शिक्षक को ही जिम्मेदार ठहराना सर्वथा अनुचित है। शिक्षा सचिव के द्वारा शिक्षक जैसे गरिमामयी पद हेतु इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग से पूरे प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उनके द्वारा प्रयुक्त शब्द घोर आपत्तिजनक है। संघ इसकी कड़ी निदा करता है। संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर कार्यालय में जाकर ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से शिक्षा सचिव को तत्काल हटाये जाने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौपा। ज्ञापन सौंपने वालो में जी.आर. चन्द्रा, जगत मिश्रा, पवन शर्मा, किशोर शर्मा,रामकुमार यादव, राजेश तिवारी, राजेश्वर वस्त्रकार आदि पदाधिकारी साथी उपस्थित थे।