सूर्य को अर्घ्य देकर छठव्रतियों की पूजा हुई सम्पन्न

बिलासपुर. सूर्य की उपासना का महापर्व छठ उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन हो गया। आधी रात से ही हज़ारों छठ व्रती अपने परिवार जनों के साथ छठ घाट में पहुंचकर सूर्य उदय का इंतजार बड़ी बेसब्री से करते रहे।जैसे ही सूर्य की किरणें दिखाई दी भक्तों ने छठी मैया के जयकारे लगाकर विधिवत रूप से सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की। समय के साथ साथ तोरवा स्थित यह छठ घाट बड़ा स्वरूप ले चुका है। यही कारण है कि अब इस छठ घाट को देश का सबसे लंबा और स्थाई छठ घाट कहा जाने लगा है।पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के तप,त्याग,सादगी,समर्पण और संयम का ही नतीजा है कि आज यह छठ घाट देश भर में मशहूर हो गया है। समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी तन्मयता के साथ इस पूजा पर्व को मनाने के लिए मेहनत और प्रयास करते हैं। उनके कठोर परिश्रम के जरिए ही आज यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है।करीब 1 महीने की साफ-सफाई के बाद तैयार होने वाला छठ घाट हर साल यहां रौनक बिखेर देता है। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का विधिवत रूप से समापन हो गया। कल बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने छठी मैया से परिवार की सुख समृद्धि निरोग होने की कामना की थी। बिलासपुर के तोरवा स्थित अरपा नदी के तट का आज का नजारा देखने लायक था । यहां हर साल हजारों की तादात में दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। व्रतियों ने बताया कि, इस वर्ष छठी मईया के उपासना के साथ परिवार के सुख समृद्धि और कोरोना से पूर्ण मुक्ति की उन्होंने कामना की है। गौरतलब है कि नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुवात हुई थी, 36 घंटे के कठोर व्रत के साथ व्रती उपासना करते हैं। आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने पारण किया।

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