ग्रंथालय की सेवाओं एवं सुविधायों में काफी परिवर्तन हुआ है : कुलपति

बिलासपुर. पण्डित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्व विद्यालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर के पुस्तकालय एवं सुचना विज्ञान विभाग व विवेकानंद पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान् में ग्रंथालय विज्ञान के जनक पद्मश्री डॉ. एस.आर. रंगनाथन जी की जंयती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष  कुलपति  डॉं. बंश गोपाल सिंह एवं मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. ए. के. शर्मा, ग्रंथपाल, गुरू घासीदास केन्द्रीय विष्वविद्यालय, बिलासपुर उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ  कुलपति  डॉं. बंश गोपाल सिंह एवं डॉ. ए. के. शर्मा के द्वारा विद्या की देवी मॉ सरस्वती के प्रतिमा एवं डॉ. एस.आर. रंगनाथन जी के तैलचित्र पर माल्यर्पण एवं द्वीप प्रल्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत एवं अतिथि परिचय डॉ. प्रीति रानी मिश्रा, सहायक प्राध्यापक पुस्तकालय विज्ञान द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. ए. के. शर्मा ने अपने उद्बोधन में  रंगनाथन जंयती की बधाई देते हुए अपने एवं ग्रंथालय विज्ञान के संबंध में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उन्होने ग्रंथालय विज्ञान के पॉच सूत्रों को वर्तमान परिपेक्ष में उनकी महत्ता पर प्रकाश डाला। इन्होनें ग्रंथालय संसाधनों एवं उपयोगकर्ताओं के स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। इन्होनें कहा की आज के परिपेक्ष में ग्रंथालय का उपयोग करने का तरीका बदल चुका है। विभिन्न ग्रंथालय तकनीकियों का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं का शीघ्र निराकरण किया जाना आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे  कुलपति डॉं. बंश गोपाल सिंह  ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज की स्थिति में ग्रंथालय की सेवाओं एवं सुविधायों में काफी परिवर्तन देखने में आया है। उपयोगकर्ता और ग्रंथालय सेवाये दोनो अलग-अलग दो पहलू है दोनो की अपनी अलग-अलग महत्ता एवं आवश्यकता है। ग्रंथालय के दोनो ही पहलू को लेकर कार्य करने की आवश्यकता है इस तरह से वे सामन्जस्य बैठाते हुए बेहतर सेवा प्रदान कर सकते है। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनिता सिहं, सहायक प्राध्यापक शिक्षा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉं. ओमप्रकाष पटेल, ग्रंथपाल के द्वारा किया गया इस कार्यक्रम में विष्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण, अधिकारी गण, समस्त कर्मचारीगण एवं अनेक छात्र छात्रायें उपस्थित थे।

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