पत्‍नी समेत ये रिश्‍तेदार करें ऐसा व्‍यवहार तो उन्‍हें छोड़ने में न करें देर, तबाह कर देंगे जिंदगी

नई दिल्‍ली. जिंदगी में रिश्‍ते बहुत अहम होते हैं. ये जिंदगी को खूबसूरत और प्‍यार भरा बनाते हैं. लेकिन रिश्‍ते यदि धोखा देने पर आ जाएं तो जिंदगी को जीते जी नर्क बना देते हैं. आचार्य चाणक्य ने रिश्‍तों को लेकर भी बहुत सारी अहम बातें कही हैं. उन्‍होंने दोस्‍तों-रिश्‍तेदारों को परखने के तरीके भी बताए हैं और विशेष स्थितियों में उन्‍हें छोड़ने की सलाह भी दी है. ताकि व्‍यक्ति जिंदगी में ढेर सारी मुसीबतों से बच सकते हैं.

अधर्मी बन जाता है इंसान 

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि व्‍यक्ति को हमेशा ऐसे लोगों के साथ रहना चाहिए, जो उसे धर्म की राह पर चलाए. उसमें प्‍यार और मानवता की भावना जगाए. उसे मुसीबतों से बचाए और उसकी जिंदगी को खुशियों से भर दे. व्‍यक्ति को कभी भी ऐसे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए, जो उसे अधर्म की राह पर चलने पर मजबूर करें, फिर चाहे वह उसकी पत्‍नी ही क्‍यों न हो.

तुरंत छोड़ दें इन रिश्‍तों को

गुरु: गुरु का काम शिष्‍य को धर्म की राह पर चलने की सीख देना. यदि गुरु ही अज्ञान हो और वह शिष्‍य को गलत राह पर ले जाने लगे तो ऐसे गुरु का तुरंत त्‍याग कर देना चाहिए.

पति-​पत्‍नी: पति-पत्‍नी के रिश्‍ते के लिए प्रेम और भरोसा सबसे ज्‍यादा जरूरी है. गुस्‍सा और अहंकार की तो इस रिश्‍ते में जगह ही नहीं होती है. चाणक्‍य नीति में कहा गया है कि यदि पत्‍नी बहुत क्रोधी स्‍वभाव की हो तो पूरे घर का माहौल खराब रहता है. ऐसी स्थिति में ना तो पति-पत्‍नी खुश रह सकते हैं और ना ही बाकी परिवारजन. इसके अलावा ऐसी पत्‍नी जो पति को बुरे काम करने के लिए मजबूर करे वो घर को बर्बाद कर देती है. आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि ऐसी पत्‍नी का त्‍याग करना ही बेहतर है, वरना जिंदगी को तबाह होने में देर नहीं लगती है.

भाई-बहन: भाई-बहन का रिश्‍ता बहुत पवित्र होता है. उनके बीच यदि प्‍यार-सम्‍मान न हो और वे मुश्किल के समय एक-दूसरे की मदद ने करें और आपस में लड़ें तो ऐसे भाई-बहन से रिश्‍ता खत्‍म कर देना ही बेहतर है.

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