कभी आधी दुनिया पर राज करता था ये देश, आज राशन-पानी की किल्लत से जूझ रहे लोग, आखिर क्यों?


लंदन. कभी दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी वाले हिस्से में राज करने वाले देश ब्रिटेन (Britain) के लोग परेशान है. वर्ल्ड इकोनॉमी (World Economy) के चार्ट में दुनिया के अमीर देशों में शुमार इस देश के लोग झोला लेकर सामान लाने बाजार जाते तो हैं लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है. यहां फिलहाल राशन-पानी की भारी कमी है और सुपरमार्केट बिजनेस से जुड़े लोगों का मानना है कि ये परेशानी अभी और बढ़ेगी.

ट्रेड एसोशिएशन की चेतावनी

देश के इन हालातों को लेकर एक ट्रेड एसोसिएशन के चीफ का कहना है कि सुपरमार्केट (Supermarkets) जाकर फौरन कोई सामान खरीद लेने के दिन फिलहाल खत्म हो चुके हैं. फूड एंड ड्रिंक फेडरेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव इयान राइट के मुताबिक, ‘दुकानदारों को अभी कई दिनों तक लगातार खाने के सामान की किल्लत का सामना करना पड़ेगा. हालांकि उन्होंने ये साफ किया कि इसका मतलब ये नहीं है कि देश के लोगों को इन हालातों की वजह से भूखा रहना पड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक देश के बड़े बड़े सुपरमार्केट में फूड आइटम्स की कमी के साथ बोतलबंद पानी खत्म होने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं.

सप्लाई चेन टूटने से बिगड़े हालात

वहीं व्यापार जगत से जुड़े लोगों का मानना है कि इस संकट के पीछे का कारण लॉरी ड्राइवरों की कमी और खेतों में काम करने वाले करीब पांच लाख लोगों की कमी है. इस वजह से देश की सप्लाई चेन लगातार प्रभावित हो रही है. अधिकारियों के मुताबिक काम के घंटे कम होने और ज्यादा सैलरी की वजह से देश के अधिकतर लॉरी ड्राइवर, ऑनलाइन सेंटर्स अमेजन जैसे ब्रांड्स के लिये काम कर रहे हैं.

उनका कहना है कि कई कर्मी यूरोपियन यूनियन (EU) के नागरिक हैं, जिन्हें महामारी और ब्रेक्सिट (Brexit) के बाद ब्रिटेन छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. यानी साफ है कि ये परेशानी अभी और बढ़ेगी और फिर इसके जल्द ठीक होने की संभावना भी नहीं है.

कोरोना की मार!

यूके के मीडिया हाउस की रिपोर्ट्स के मुताबिक गर्मी के सीजन में परेशानी इसलिये भी बढ़ेगी क्योंकि यहां 1,00,000 लॉरी ड्राइवर्स (Lorry Drivers) की कमी है. वहीं कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से स्टाफ कम हुआ है. उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फ्रिज में रखे जाने वाले खाने के सामान की सप्लाई में व्यवधान के कारण शेल्फ खाली हो रहे हैं. इसे लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें उनसे कहा गया है कि वह यूरोप जाने वाले ड्राइवर्स को वापस बुलाएं.

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