छत्तीसगढ़ की तीन वामपंथी पार्टियों ने कल आहूत ‘देशव्यापी काला दिवस’ के समर्थन में जारी किया बयान

सोनिया गांधी, डी राजा, सीताराम येचुरी सहित तमाम विपक्षी नेताओं ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, किया किसानों व ट्रेड यूनियन संगठनों द्वारा कल ‘काला दिवस’ मनाने का किया समर्थन, पूरे प्रदेश में कल जलेंगे मोदी सरकार के पुतले।
छत्तीसगढ़ की तीन वामपंथी पार्टियों — मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भाकपा (माले)-लिबरेशन — ने किसान संगठनों और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को वापस लेने की मांग पर देशव्यापी काला दिवस मनाने का समर्थन किया है और व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों सहित आम जनता के सभी तबकों से इसे सफल बनाने की अपील की है।

आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में माकपा के संजय पराते, भाकपा के आरडीसीपी राव तथा भाकपा (माले)-लिबरेशन के बृजेन्द्र तिवारी ने कहा है कि ये कानून किसानों और मजदूरों तथा आम जनता के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है और इसकी वापसी के सिवा बीच का कोई रास्ता नहीं है। तीनों वामपंथी पार्टियों ने गरीब परिवारों को मुफ्त राशन और नगद सहायता भी देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के सवाल पर सत्ता में आई भाजपा सरकार आज इस मांग को पूरा करने से पीछे हट गई है, जबकि पिछले सात सालों में कर्ज के फंदे में फंसकर आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर दुगुनी हो गई है। अब ये तीनों कृषि कानून मिलकर खेती-किसानी को बर्बाद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को तबाह करेंगे। इसका मंदी में डूबे देश की अर्थव्यवस्था पर सत्यानाशी प्रभाव पड़ेगा।
तीनों वाम नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों सहित देश की 12 मुख्य विपक्षी पार्टियों ने 12 मई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किसान आंदोलन के मुद्दों पर बातचीत करने, सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए बजट में आबंटित 35000 करोड़ रुपयों की राशि का उपयोग करने तथा कोरोना संकट से प्रभावित परिवारों को मुफ्त राशन व नगद सहायता देने की मांग की थी। लेकिन इन मांगों पर मोदी सरकार की घोर चुप्पी से साफ है कि आम जनता को बर्बाद करने वाली और कॉर्पोरेट घरानों की तिजोरियों को भरने वाली नीतियों पर ही वह चलना चाहती है। केंद्र सरकार की इस हठधर्मिता के खिलाफ 24 मई को जारी एक बयान में कांग्रेस की सोनिया गांधी, माकपा के सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने देश के 550 किसान संगठनों और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा कल काला दिवस मनाए जाने के आह्वान का सक्रिय समर्थन किया है, जो स्वागतयोग्य है।

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