June 24, 2021
खेल के माध्यम से मनुष्य के अंदर साहस की भावना, मानवीयता, संघर्षशीलता की भावना का विकास होता है : योग गुरु महेश अग्रवाल
भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक केंद्र स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल कई वर्षो से निःशुल्क योग प्रशिक्षण के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहें है वर्तमान में भी ऑनलाइन माध्यम से यह क्रम अनवरत चल रहा है | योग प्रशिक्षण के दौरान केंद्र पर सभी समाज की जयंती, महापुरुषों की जयंती, सभी धार्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय पर्व उत्साह पूर्वक मनाये जाते है, स्वच्छता, नशामुक्ति वृक्षारोपण, पर्यावरण, शिक्षा, खेलकूद जैसे विषय पर जागरूकता अभियान एवं सभी राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय दिवस धूमधाम से मनाते हुए साधकों स्वस्थ रहते हुए सेवा कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया जाता है |
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के अवसर पर योग गुरु अग्रवाल ने कहा कि खेलों से साहस, उत्साह, सम्मान, निष्पक्षता, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, आज्ञाकारिता, संघर्ष-भावना, विजय की आकांक्षा, संगठन, उद्देश्य आदि चारित्रिक विशेषताओं का सहज ही समावेश हो जाता हैं । ये गुण ही मानव के भावी जीवन की सफलता के प्रतीक हैं|
ओलंपिक खेल का आयोजन प्रति चार वर्षो में अंतर्राष्ट्रीय खेल समिति द्वारा किया जाता है. यह विश्व में होने वाली अग्रणी खेल प्रतियोगिता है| इसमे 200 से अधिक देश हिस्सा लेते है. इस प्रतियोगिता में कई तरह के ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेल होते है| ओलिम्पिक का झण्डा सफेद सिल्क कपड़े का बना हुआ है जिसमे पांच छल्ले लगे हुए है यह छल्ले लाल, पिले, हरे, नीले तथा काले रंग के है। यह सभी छल्ले आपस मे जुड़े हुए है जिसका अर्थ है मैत्री एवम सहयोग। ये पाँच छल्ले पाँच महाद्वीप के प्रतिनिधित्व करते है।ओलिम्पिक मशाल का प्रयोग ओलिम्पिक को प्रज्वलित करने के लिए किया जाता है। ओलिम्पिक मशाल को 1928 के ओलिम्पिक खेलों में सम्मिलित किया गया था। इस मशाल की खास बात ये है कि इसे ओलिंपिक खेलों से पूर्ब ही प्रज्वलित कर दिया जाता है, इस मशाल को यूनान के ओलम्पिया में जलाया जाता है तथा विमानों तथा समुंद्री जहाजो की मदद से से प्रयोजक देश तक पहुंचाया जाता है। मशाल के साथ धावक स्टेडियम में प्रवेश करता है तथा ज्वाला को प्रज्वलित करता है यह गोपनीय रखा जाता है। ज्वाला के प्रज्वलित होते ही ओलिम्पिक खेले आरम्भ हो जाती है।
ओलंपिक डे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेलिब्रेट किया जाता है|सैकड़ो या कह सकते है हजारों की संख्या में छोटे बड़े और विभिन्न देशो के लोग विभिन्न तरह के खेलों जैसे दौड़, एक्सिबिशन, म्यूजिक और एजुकेशन आदि में भाग लेते है, और अपनी प्रतिभा का परिचय देते है, और अपने देश का प्रतिनिधित्व करते है. ओलंपिक डे आज के समय में केवल एक स्पोर्ट्स इवैंट न रहकर काफी आगे बढ़ चुका है और इसके तीन मुख्य स्तंभ आगे बड़ो, सीखों, और खोजों है. इसमें हर समय कुछ नए खेलों को शामिल किया जाता है. कुछ देशों में इस खेलों के संदर्भ में जानकारी को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया है, तो कुछ जगह नेशनल ओलंपिक कमेटी के सदस्यों ने इससे संबन्धित प्रदर्शनियों को इसमें शामिल किया है. आज के समय में ओलंपिक डे केवल एक उत्सव न रहकर एक अंतराष्ट्रीय प्रयास बन चुका है, जिसकें द्वारा फ़िटनेस और अच्छा इंसान बनने को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस गेम्स के द्वारा खिलाड़ियो में सही खेल, एक दूसरे के लिए रिस्पेक्ट और स्पोर्ट्समेनशिप की भावना को बढ़ावा दिया जाता है|