November 24, 2024

केन्द्र सरकार के नाकामी को छुपाने एवं दबाने के लिए चक्काजाम की नौटंकी कर रहे है : वंदना राजपूत

रायपुर. भाजपा के द्वारा राज्य सरकार को पेट्रोलियम पदार्थ पर वेट कम करने के लिये चक्का जाम किये जाने को नौटंकी बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि यदि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और विपक्षी दलों के नेताओं को यदि जनहित की वास्तविक में चिंता होती तो दिल्ली में वित्त मंत्री के घर के सामने चक्काजाम कर पेट्रोलियम पदार्थ के साथ-साथ बढ़ती रसोई गैस सिलेंडर के बारे में धरना प्रदर्शन करते। भारतीय जनता पार्टी के नेता राजनीति रोटी सेकने में लगे है इन्हें जनहित से कोई लेना देना नहीं है। मोदी के गलत नीति का परिणाम है महंगाई बेलगाम हो गई और उसे नियंत्रण कर पाने में असफल हो गये है। यही कारण है कि केन्द्र सरकार के नाकामी को छुपाने एवं दबाने के लिए तरह के प्रपंच अपना रहे है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि चुनाव के समय महिला बहनों को वोट बैंक बनाते और लोकलुभावन वादा करते और जैसे ही सत्ता में काबिज हुए महिला बहनों की ओर मुड़ कर भी नहीं देखें। सबसे ज्यादा महंगाई से तो महिलाएं परेशान है। पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ती कीमतों से परेशान तो है ही रसोई गैस सिलेंडर भी रूला रहा है। यूपीए सरकार में 410 रूपये में मिलने वाला सिलेंडर मोदी राज में 1000 रुपये देना पड़ता है। जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है तब से महंगाई ने विकराल रूप ले लिये। सबसे बड़े दुख की बात ये है कि देश के मुखिया कहते है कि महंगाई नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं। पहले यही लोग चिल्ला-चिल्ला कर कहते थे सत्ता में आते ही 100 दिन में महंगाई कम कर देगें। नरेंद्र मोदी को सत्ता संभाले लगभग 2555 दिन हो गये लेकिन महंगाई को कम करना तो दूर महंगाई को नियंत्रण भी नहीं कर पा रहे है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि केन्द्र के सरकार बिना सोचे समझे निर्णय ले लेते है जिसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। हमारा देश विकासशील देश है जिसमें मुखिया का कार्य होता है कि मध्यम वर्ग एवं निम्न वर्ग के स्तर में सुधार कर उसे आगे बढ़ाना होता है और न की नीचे गिराना। छत्तीसगढ़ सरकार से सीख लेना चाहिए सबसे पहले प्राथमिकता में जनता जनार्दन है। प्रदेश में मुद्दा विहीन हो गये है भारतीय जनता पार्टी के नेता इसलिये तरह-तरह के प्रपंच अपना रहे है ये पब्लिक है सब जानती है। किस मुंह और किस अधिकार से राज्य सरकार को वेट कम करने बोल रहे है। दम है तो नरेंद्र मोदी को बोले कि यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था कम से कम उतना तो कर दो ताकि भारतीय जनता पार्टी के नेता जनता के सामने चुनाव के समय मुंह दिखा सके। मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर था जो आज 27.90 रुपये प्रति लीटर हुआ है। इसी तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क 31.80 रुपये प्रति लीटर था जो अब 21.80 रुपये प्रति लीटर हुआ है। मोदी नॉमिक्स के जुमले समझिए ! इस साल 2021 में पेट्रोल के दाम 28 रुपये और डीजल के दाम 26 रुपये बढ़ाए गए। देश में 14 सीटों पर उपचुनाव हारते ही पेट्रोल और डीजल के रेट को क्रमशः रुपये 5 और 10 रुपये घटाया। मोदी जी, जुमले नहीं चलेंगे, जो आपने बढ़ाया, वो सारा घटायें।

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