झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीदों को एवं पूर्व सांसद ,कवि श्रीकांत वर्मा को दी श्रद्धांजलि
ज़िला कांग्रेस कमेटी( शहर/ग्रामीण ) द्वारा कांग्रेस भवन में झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीदों को एवं पूर्व सांसद ,कवि श्रीकांत वर्मा जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ,विवेक बाजपेयी ने कहा झीरम घाटी नक्सली हमला बर्बरता और साजिश का मिलाजुला परिणाम था ,जिसमे कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता शहीद हो गए , स्व विद्याचरण शुक्ल, स्व महेंद्र कर्मा ,स्व नंद कुमार पटेल ,सहित 32 लोग शहीद हुए ,इस जघन्य हत्याकांड की जांच को प्रभावित करने का प्रयास करना ही साजिश की ओर इशारा करता है,कांग्रेस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में परिवर्तन यात्रा निकाल रही थी ,तत्कालीन सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नही कराई जबकि झीरम घाटी दरभा एक नक्सली क्षेत्र माना जाता है ,लगभग 250 की संख्या में नक्सलियों का इकट्ठा होना सरकार को पता न चलना भी प्रशासनिक कसावट में कमी को दर्शाता है, इन शहीदों के परिजन आज भी न्याय के इंताजर में है कि न्याय मिलेगा ।
स्व श्रीकांत वर्मा जी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई ।
ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी, महापौर रामशरण यादव ने कहा कि स्व श्रीकांत वर्मा ने बिलासपुर शहर का नाम रोशन किया, वे एक कवि ,लेखक, कथाकार, पत्रकार के रूप में दिल्ली के गए और अपनी योग्यता के बल पर राष्ट्रीय राजनीति में एक अलग स्थान बनाया ,कांग्रेस के प्रवक्ता के रूप में, उन्होंने कालजयी नारा दिए ” जात पर न पांत पर -इंदिराजी की बात पर मुहर लगेगी हाथ ,गरीबी हटाओ जैसे अनेक नारा दिए ,साहित्य के क्षेत्र में उन्हें कई पुरस्कार-सम्मान प्राप्त हुआ ,नई कविता आंदोलन के प्रमुख कवियों में से एक थे।
उन्होंने बिलासपुर शहर के विकास और विस्तार के लिए बहुत कुछ आज बिलासपुर का विकसित स्वरूप का आधार श्रीकांत वर्मा जी ने रखा ,25 मई 1986 को कैंसर से अमेरिका में उनका निधन हो गया ,
पूर्व विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह ,
संयोजक ज़फ़र अली ने कहा कि श्रीकांत वर्मा जी का जन्म बिलासपुर में 18 सितंम्बर 1931 को हुआ ,प्रारम्भिक शिक्षा बिलासपुर, रायपुर में हुई,उच्च शिक्षा नागपुर से प्राप्त की ,स्व वर्मा ने कुछ बड़ा उद्देश्य को लेकर दिल्ली गए और सफल भी रहे ,वे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और स्व राजीव गांधी के बहुत करीब थे ,उनके राजनीतिक सलाहकार ,चुनाव प्रबन्धन भी करते थे ,उनका असमय निधन से बिलासपुर को बड़ी क्षति हुई ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी,महापौर रामशरण यादव, पूर्व विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह,विवेक बाजपेयी, अभय नारायण राय,संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी,त्रिभुवन कश्यप, विनोद शर्मा,राजेश शुक्ला,विश्वम्भर गुलहरे,राजेश शर्मा,राजेश ताम्रकार,स्वर्णा शुक्ला,सीमा घृटेश,जिग्नेश जैन,अजय यादव,सीताराम जायसवाल, अंजलि यादव,अफ़रोज़ बेगम,दीपक रायचेवार,चंद्रहास केशरवाणी,गौरव एरी,जगदीश कौशिक,करम गोरख,मनोज सिंह,मनोज शर्मा,दिनेश सीरिया,अखिलेश बाजपेयी, रेखेन्द्र तिवारी,सुभाष ठाकुर,हेमन्त दृघस्कर,ध्रुव यादव,अशोक चौधरी,आदि उपस्थित थे।