July 21, 2021
चौबीस वर्ष पूर्व आज ही के दिन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से मुझे मिला था संवाददाता प्रमाण पत्र
साथियों मैं अपने नाम के साथ स्वतंत्र पत्रकार लिखता हूं तब अनेक लोग सोचते होंगे कि मै किसी अखबार से जुड़ा नहीं हूं तो फिर अपने आप को पत्रकार क्यों लिखता हूं । उनका सोचना स्वाभाविक भी है क्योंकि आमतौर पर अखबार या फिर टीवी से जुड़े लोग अपने आप को पत्रकार लिखते है । मैं किसी अखबार या टीवी से नहीं जुड़ा हूं किन्तु पत्रकारिता की पढ़ाई की है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से मैंने पत्राचार के माध्यम से ग्रामीण संवाददाता प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम पूरा किया है । और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ हूं । पाठ्यक्रम मे पढ़ाई के दौरान बिलासपुर के डीपी विप्र महाविद्यालय मे एक सप्ताह का कार्यशाला आयोजित भी हुआ था जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से आदरणीय कमल दीक्षित जी एवं भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार मनोहर चौरे जी प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित थे । कार्यशाला मे प्रतिदिन वरिष्ठ पत्रकार मार्गदर्शक के रुप में व्याख्यान देने आते थे । इनमें प्रमुख रूप से श्यामलाल चतुर्वेदी जी (जिन्हें बाद मे पद्मश्री सम्मान मिला) नवभारत के प्रबंधक बजरंग केडिया जी देशबंधु के संपादक नथमल शर्मा जी आदि प्रमुख थे ।
जेल भी गए…
शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे कि पढ़ाई के दौरान आखिर जेल जाने की नौबत क्यों आई? लेकिन यह सच है कि कार्यशाला के दौरान हमें जेल भी जाना पड़ा लेकिन किसी अपराध के कारण नहीं बल्कि अपराध समाचार संकलन के तौर-तरीकों को सीखने के लिए जाना पड़ा । बिलासपुर केन्द्रीय जेल के तत्कालीन जेलर कृष्ण कुमार गुप्ता जिन्होंने अपराध शास्त्र (पाकिटमारी) मे पीएचडी किए है उन्होंने अपराध जगत से जुड़े विषयों एवं समाचार संकलन के तौर-तरीकों पर व्याख्यान दिया ।
चाय पीते पीते बनी थी पत्रकारिता मे पढ़ाई की योजना..
बी ए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई अधुरा छोड़ने के बाद कालेज की पढ़ाई की ओर से मेरा पूरा ध्यान हट गया था और अपने काम धंधे के साथ साथ अखबारों मे लेख और समाचार लिखता था । इसी बीच एक दिन मेरे मित्र रजनीश सलूजा और प्रदीप नामदेव ने चाय पीते पीते मुझे ग्रामीण संवाददाता प्रमाण पत्र प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम पत्राचार के माध्यम से पढ़ाई करने की सलाह दी उनकी सलाह पर मैंने यह पाठ्यक्रम पूरा किया था।