सौ दिन चले अढ़ाई कोस कुछ यही रवैया है बिलासपुर शहर के विकास का : पूर्व एल्डरमैन
बिलासपुर. 100 दिन चले अढ़ाई कोस कुछ यही रवैया यही हाल बिलासपुर शहर के विकास का है बिलासपुर स्मार्ट सिटी के नाम पर क्षला गया।आज हालात यह है की बिलासपुर की गिनती 50 वें नंबर पर भी आ जाए तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं चाहे वह स्मार्ट शहर चाहे वह स्मार्ट सफाई या यूं कहें एक विकसित औद्योगिक व्यापारिक नगरी के रूप में बिलासपुर वर्तमान परिस्थिति में काफी पीछे धकेला जा चुका है। आखिर इसके पीछे कारण विगत दिनों और आज की बारिश में बिलासपुर नगर पालिक निगम के कार्य प्रणाली गौरव गाथा स्वच्छ बिलासपुर स्वस्थ बिलासपुर की पोल खोल कर रख दी। यह कोई पहली बार नहीं हुआ नगर पालिक निगम का रवैया सदैव यूं ही जनता के बीच बना रहता है ।बरसात हुई नहीं नाले नालिया उफान पर बैराज का पानी नदियों में छोड़ा जाता है ,लेकिन नदियां उफान में आने की बजाय बिलासपुर शहर के गली मोहल्ले मुख्य मार्ग के नाले नालियां उफान में आ जाती है ।ऐसा लगता है जैसे तूफान आ गया इसके पीछे सबसे बड़ा रोना नगर पालिक निगम का ढुलमुल दिखावा फोटो बाजी कागजी कार्यवाही को दर्शाता है। सिर्फ नारियल फोड़ना उद्घाटन यही बिलासपुर नगर पालिक निगम शहर की परंपरा बनकर रह गई है ।आज हालात यह हैं अच्छे से अच्छी पोस् कॉलोनी का हालात निचली बस्तियां मुख्य मार्ग आखिर ऐसा क्यों क्या सिर्फ डेंटिंग पेंटिंग लाइटिंग और बार-बार प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां लगाकर जनता को लॉलीपॉप दिखाकर खुश किया जाता है। गड्ढों से भरी रोड और उसके ऊपर दो 2 फीट का पानी इस बरसात में नगर पालिक निगम की कथनी और करनी को सामने ला दिया। देखना यह है क्या सक्षम अधिकारी सक्षम जनप्रतिनिधि क्या आगामी समय में कुछ कमाल दिखा पाएंगे या फिर अपनी डफली अपना राग अलाफते नजर आएंगे, क्योंकि अधिकारी या जनप्रतिनिधियों के पास टका सा जवाब पानी कुछ देर के लिए ही भरता है ।उसके बाद निकल जाता है बरसात के पूर्व नाले नालियों की पूर्णता सफाई की गई 100 गाड़ी मलवा निकाला गया मुख्य मार्ग बोलो या वार्ड के अंदर की गलियां या शहर की मेन रोड चौक चौराहे कहीं भी आपको गड्ढा नहीं मिलेगा ऐसा इन लोगों का जवाब आपको सदैव सुनने मिलेगा। बिलासपुर की भोली-भाली जनता भोलेनाथ की जनता है सांप बिच्छू मगरमच्छ सबको साथ लेकर चलती है कभी कभी तो ऐसा लगता है की आइसक्रीम के चक्कर में चुना भी खा जाती है। देखिए यदि कोई सक्षम जनप्रतिनिधि चाहे वह वार्ड स्तर पर हो चाहे शहर स्तर पर सक्षम अधिकारी चाहे वह शहर स्तर का हो चाहे जो न इंचार्ज का यदि वास्तव में अपने कर्तव्य अपने दायित्व का निर्वहन कर जनता की समस्या का निदान कर सके तो भगवान उसका भला करें।