मोदी के राज में पूरे देश में 8 साल में सिर्फ 7 लाख लोगों को नौकरी मिला

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा हर साल दो करोड़ लोगो को रोजगार देने का वायदा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी राज में देश में नौकरियां दिवास्वप्न बन गयी है। छत्तीसगढ़ में रोजगार के नाम पर आंदोलन और बयानबाजी करने वाली भाजपा की मोदी सरकार ने साढ़े आठ साल में सिर्फ 7 लाख युवाओं को ही रोजगार दिया और आने वाले तीन साल में मात्र 10 लाख रोजगार का लक्ष्य केन्द्र सरकार ने रखा है। इसके विपरीत कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में पिछले पौने चार साल में 5 लाख युवाओं का रोजगार दिया और आने वाले पांच साल में 15 लाख युवाओ को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित कर छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया है। जबकि मोदी सरकार वायदे के अनुसार अभी तक 17 करोड़ लोगो को रोजगार मिलना था। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता में रोजगार है ही नहीं। केंद्र सरकार ने संसद के चालू सत्र में बताया कि 8 साल में उसने सिर्फ 7.22 लाख लोगों को नौकरी दी है यानी हर साल औसतन एक लाख से भी कम लोगों को नौकरी मिली इससे चिंताजनक आंकड़ा है कि 8 सालों में 22.5 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया था सोचे 22 करोड़ लोगों में से सिर्फ 7.22 लाख लोगों को नौकरी मिली सिर्फ 0.33 फीसदी यानी आवेदन देने वाले 1000 लोगों में से सिर्फ 3 लोगों को नौकरी मिली सोचे बाकी लोग कहां गए होंगे? क्या उनको निजी क्षेत्र में नौकरी मिली होगी या मनरेगा में काम कर रहे होंगे या उन्होंने पकौड़ा लगाने जैसा कोई स्वरोजगार शुरू किया होगा ? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा भारत सरकार ने हर साल में जीन 7.22 लाख लोगों को नौकरी दी है मैं सबसे ज्यादा 1.47 लाख लोगों को 2019-20 में नौकरी मिली थी यानी जिस साल लोकसभा के चुनाव होने थे उस शहर में सबसे ज्यादा नौकरी मिली सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि 2014-15 मैं नई सरकार बनने के बाद से ही सरकारी नौकरियों में कमी आने लगी थी चुनाव प्रचार में हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा था लेकिन वास्तव में हर साल 1 लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मेरी जब सरकारी नौकरी की यह स्थिति है तो निजी सेक्टर में इससे बेहतर उम्मीद नहीं की जा सकती नोटबंदी से लेकर जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने और उसके बाद आई कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचाया उससे नौकरी का पूरा परिदृश्य बदल गया देश में ऐतिहासिक बेरोजगारी की स्थिति है और उसी समय सांप्रदायिक विभाजन के एजेंडे से चिंगारी भड़काने की कोशिश है इससे देश के सामने गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!