US रिपोर्ट में खुलासा : Saudi Arabia के Crown Prince के इशारे पर ही हुई थी पत्रकार Jamal Khashoggi की हत्या


वॉशिंगटन. पत्रकार जमाल खशोगी (Jamal Khashoggi) की हत्या में सऊदी अरब के राजकुमार (Saudi Arabia Crown Prince) ने अहम भूमिका निभाई थी. अमेरिका का कहना है कि सऊदी अरब के राजकुमार वली अहद मोहम्मद बिन सलमान (Wali Ahad Muhammad bin Salman) ने इस्तांबुल स्थित सऊदी उच्चायोग में पत्रकार जमाल खशोगी को पकड़ने या उसकी हत्या करने के अभियान को मंजूरी दी थी. यह जानकारी शुक्रवार को सार्वजनिक की गई एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में सामने आई है.

Biden पर भी बढ़ेगा दबाव
माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन पर राजघराने को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराने का दबाव बढ़ सकता है. जमाल खशोगी की 2018 में तुर्की के इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास के अंदर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सऊदी अरब की अदालत ने आठ आरोपियों को सितंबर 2020 में सजा सुनाई थी. खशोगी को सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान का कड़ा आलोचक माना जाता था.

Private Jets का इस्तेमाल
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकार की हत्या को अंजाम देने के लिए जिस कंपनी के दो निजी जेट विमानों का इस्तेमाल किया था, उसका मालिकाना हक प्रिंस सलमान के पास है. इस मामले में शुरुआत से ही यह माना जा रहा था कि जमाल खशोगी की हत्या का आदेश सऊदी के क्राउन प्रिंस ने दिया था. हालांकि, अमेरिका ने खुफिया रिपोर्ट को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

Saudi ने किया इनकार
यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी के नरेश सलमान से शिष्टाचार वार्ता की थी. हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से बातचीत के संबंध में जारी बयान में पत्रकार की हत्या का मामला सामने आने का कोई जिक्र नहीं किया गया था. वहीं, सऊदी अरब ने अमेरिकी रिपोर्ट को गलत बताया है. उसका कहना है कि रिपोर्ट में कही गईं बातें पूरी तरह बेबुनियाद हैं.

बढ़ सकती है परेशानी

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि अमेरिकी रिपोर्ट गलत है और उसमें कही गईं बातों का कोई आधार नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि हत्या में शामिल लोगों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है. ऐसे में रिपोर्ट में आधारहीन बातों का उल्लेख करना और क्राउन प्रिंस पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है. बता दें कि सऊदी अरब पहले भी इस तरह के दावों को गलत बताता आया है. हालांकि, अब अमेरिकी रिपोर्ट में इसका उल्लेख होने से उसकी परेशानी बढ़ सकती है.

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