VIDEO : सामूहिक बलात्कार की वारदात के तीनों आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े


बिलासपुर. सरकंडा पुलिस ने चांटीडीह रपटा के पास बुधवार की रात हुई सामूहिक बलात्कार की वारदात के सभी तीनों आरोपियों को रिपोर्ट के 12 घंटे के भीतर धर-दबोचा। इस मामले में सरकंडा थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार अरपापार क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता 16 दिसंबर की रात को चांटीडीह पठान पारा मैं अपने मौसी के घर हो रहे छठी के कार्यक्रम में सहेली को खाना खिला कर लौट रही थी। इसी समय रात के 9 बजे के लगभग रपटा के पास आरोपी सनी यादव उर्फ अश्विनी यादव वल्द श्यामू यादव ने उसे रोका और अपने साथ चलने के लिए कहने लगा। मना करने पर सन्नी यादव ने उसके हाथ को पकड़ लिया और रपटा के पास नदी किनारे ले गया।

जहां उसके साथी प्रकाश वैष्णव और फिरोज अली वल्द दिलशाद अली पहले से मौजूद थे। इनका इरादा जान पीडिता ने शोर मचाना शुरू किया। तो उन्होंने उसका मुंह दबा दिया ।और सबसे पहले सन्नी यादव ने उसके साथ जबरिया बलात्कार किया। इसके बाद प्रकाश वैष्णव एवं फिरोज अली ने भी बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया। इन तीनों ने ही पीड़िता को धमकाया कि अगर इस घटना की जानकारी किसी को दी। तो उसे जिंदा जलाकर मार दिया जाएगा।

उसके बाद तीनों ही भाग गए। पीड़िता द्वारा सरकंडा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस महकमा हरकत में आया। और इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। तब पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव व नगर पुलिस अधीक्षक निमिशा पांडे के मार्गदर्शन में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सक्रिय हुई। और सरकंडा थाना प्रभारी जेपी गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम बनाकर आरोपियों की जगह जगह पतासाजी तथा उनके लिए छापामारी शुरू की गई।

पुलिस ने तत्काल  तीनों ही आरोपियों सन्नी उर्फ अश्वनी यादव पिता श्यामू यादव प्रकाश वैष्णव उर्फ बाबा पिता संतोष वैष्णव और फिरोज अली वल्द दिलशाद अली इन तीनों ही आरोपियों को अलग-अलग टकराने से धर दबोचा गया। बाद में तहसीलदार की मौजूदगी में इनकी शिनाख्ती कराई गई। और तीनों को ही गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस के द्वारा इस मामले की जानकारी मिलते साथ ही जिस तरह ताबड़तोड़ छापामारी और घेराबंदी कर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई उसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है। इस मामले में सरकंडा थाना के निरीक्षक जेपी गुप्ता उपनिरीक्षक धर्मेंद्र वर्षों महिला प्रधान आरक्षक सुनीता अलगले आरक्षक प्रमोद सिंह, तरुण केसरवानी और लगन खांडेकर व बबीता श्रीवास की सक्रियता सराहनीय रही।

 

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