VIDEO – छठ महापर्व : डूबते सूर्य को हजारों हाथों ने दिया अर्घ्य

बिलासपुर. पूरे देश में भर में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। बुधवार की शाम छठ वर्तियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर आर्शिवाद मांगा। खासकर यूपी-बिहार में मनाया जाने इस पर्व को छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा भव्य छठ घाट का निर्माण किया गया है।

यहां हजारों लोगों ने सूर्य अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की। अरपा नदी के तट पर मेला जैसा माहौल था। छठघाट जाने वाले सभी मार्गों में भारी भीड़ जमा हो रही थी। व्यवस्था संभालने के लिये पुलिस विभाग के आला अधिकारी और पूजा समिति के सदस्य जी जान से जुटे रहे। वत्र रखने वाली महिलाएं आज पूरी रात जागरण करने के बाद कल सुबह 11 नवंबर को तड़के 4 बजे सूर्योदय से पूर्व छठ घाट पहुंचेगी। यहां उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद पूजा का समापन होगा और व्रती महिलाएं पारणा करेंगी।

छठ पूजा समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा ने चंदन केसरी संवाददाता से चर्चा करते हुए बताया कि दो वर्ष के कोरोना काल के कारण सब कुछ अस्त व्यस्त हो चुका था। लोग छठ पर्व को घरों में मना सके। दो वर्ष बाद भगवान की कृपा से फिर से छठ घाट में पूजा की अनुमति मिली है। जन कल्याण के लिये छठ पूजा की जा रही है।

समिति द्वारा 15 दिनों से इसकी तैयारी की जा रही थी। आज महौल मिला और भगवान से आग्रह करने का समय मिला है। भारी तादात में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सभी के अथक प्रयासों से पूजा संपन्न कराया जा रहा है। कल सुबह 11 नवंबर को 6 बजकर 20 मिनट में पूजा संपन्न कराया जाएगा।


हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 10 नवंबर को यह तिथि पड़ी है। इस महापर्व में महिलाएं संतान प्राप्ति और अपनी संतान की खुशहाली के लिए भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करती हैं और 36 घंटों तक निर्जला उपवास रखती हैं। छठ के अंतिम दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा और इसके साथ ही यह अनुष्ठान पूरा हो जाता है।


संतान के अलावा छठ का व्रत पति की लंबी आयु की कामना से भी रखा जाता है. इसलिए इस पूजा में सुहाग के प्रतीक सिंदूर का खास महत्व है इस लिये उपवार रखने वाली महिलाएं लंबा सिंदुर लगाई हुई थी। खरना के साथ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का व्रत शुरू हो गया। सूर्य आराधना के इस पर्व में सूर्य देव की पूजा अर्चना कर छठी मईया की भी पूजा की जाती है।


उमड़ा जन सैलाब
बुधवार को गाजे बाजे के साथ लोग गन्ना, पूजा के सामान और मिष्ठान लेकर छठ घाट पहुंचे। अपना नदी के तट पर लोगों की भारी भीड़ थी। सुरक्षा को लेकर चारों ओर व्यवस्था की गई थी। नदी में रेस्कू टीम सर्च करती रही वहीं पुलिस के आला अधिकारी यातायात व्यवस्था संभालते रहे। दयालबंद पुल, तोरवा पुल, राजकिशोर नगर, तोरवा धानमंडी रोड से लोग आना जाना कर रहे थे। इस बीच जाम की स्थिति निर्मित होती रही। पार्किंग व्यवस्था और वाहनों को रोकने के बाद भी भीड़ लगती रही।


बार-बार गुम होते रहे बच्चे
छठ पूजा समिति द्वारा चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। खासकर छोटे बच्चों पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित रहा। भारी भीड़ के माहौल में छोटे बच्चे जो अपना नाम भी ठीक से नहीं बता पा रहे थे। उन्हें समिति के पदाधिकारी अपने हाथों में लेकर अलाउंस कराते रहे।

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