VIDEO : तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर… नायब तहसीलदार प्रकृति ध्रुव पर वकीलों ने लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
बिलासपुर/अनीश गंधर्व. तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना रिश्वत के यहां पत्ता तक नही हिलता। वकीलों की भी मजबूरी है इसलिए वे भी पैसे देकर काम कराते हैं। अधिवक्ता सुगंधा गुप्ता ने नायब तहसीलदार प्रकृति धुव्र के न्यायालय में फौती नामांतरण आवेदन प्रस्तुत किया था। रीडर प्रीति ने आदेश करने के लिए तहसीलदार को पैसे देना है कहकर पहले 15 हजार रुपए की मांग की। अधिवक्ता सुगंधा गुप्ता ने पैसे दे दी। 26 जनवरी का कार्यक्रम निपट जाने के बाद आदेश कर दिए जाने का हवाला अधिवक्ता को दिया गया।
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बीते 29 जनवरी को जब अधिवक्ता तहसील पहुंची तो रीडर प्रीति पांच हजार और मांगने लगी, पैसे नहीं देने पर प्रकरण खारिज करने की धमकी देने लगी। अधिवक्ता ने जब कहा की 15 हजार बहुत होता है, ज्यादा मैं नहीं दे सकती कहा तो नायब तहसीलदार प्रकृति धुव्र ने प्रकरण को खारिज कर दिया। इसकी शिकायत जब कलेक्टर से की गई तो कलेक्टर ने रिश्वत देना और लेना दोनों अपराध की श्रेणी में आता कहकर अधिवक्ता को चलता कर दिया। थोड़ी देर बाद जब 20 से 25 अधिवक्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नारे बाजी करने लगे तो उनका ज्ञापन लिया गया।
नामांतरण के प्रकरण को जब तहसील में लगाया जाता हैं। शपथ, पटवारी प्रतिवेदन, अखबार में प्रकाशन कराने की प्रकिया पूरी कराई जाती हैं। इसके बाद तहसीलदार मामले को जांच में लेता है और सारा कुछ सुलझा लेने के बाद आदेश जारी किया जाता है। तहसील के रीडर हर काम के लिए पैसे मांगते हैं। पैसे नही मिलने पर फाइल को ही गायब कर देते हैं। बिलासपुर तहसील में चल रहे मनमानी को देखते हुए पूर्व कलेक्टर ने समझाया था इसके बाद भी यहां जमकर मनमानी की जा रही है।