VIDEO – देश के सैकड़ों किसान शहीद हुए क्या नरेन्द्र मोदी उन्हें लौटा पायेंगे : प्रमोद नायक

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने पूजीं पतियों साथियों को लाभ पहुंचाने के लिये किसानों के ऊपर कृषि कानून लादने का प्रयास किया। इसके विरोध में एक साल तक लगातार किसानों ने आंदोलन किया और लगभग 700 किसानों ने कुर्बानी दी, जिसके बाद नरेन्द्र मोदी सरकार की नींद खुली है और उन्होंने कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया है। उक्त बातें जिला सहकारी केन्द्र बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कही है।

चंदन केसरी संवाददाता से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए घबराकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया है। उन्हांंने कहा कि जब तक संसद में कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पारित नहीं होगा तब तक देश के अंनदाता आंदोलन करते रहेंगे। मोदी सरकार की हठधर्मियता के चलते हमारे देश के निर्दोश किसान शहीद हुए हैं क्या नरेन्द्र मोदी उन्हें लौटा पाायेंगे? किसी का पति, किसी का भाई, किसी के पिता शहीद हुये। देश में काला कानून लाने का नरेन्द्र मोदी ने जो प्रयास किया है उसे आम जनता कभी नहीं भूलेगी और आने वाले चुनावों में इस सरकार को जनता मुंह तोड़ जवाब देगी।

मालूम हो कि किसान संगठनों के लगातार विरोध आंदोलन के चलते देश में कृषि कानून को वापस लेने का  केन्द्र की मोदी सरकार ने एलान किया है। आंदोलन पर अड़े रहे किसानों का कहना है कि इस कानून में यह साफ नहीं किया गया था कि मंडी के बाहर किसानों को न्यूनतम मूल्य मिलेगा या नहीं? ऐसे में हो सकता था कि फसल का ज्यादा उत्पादन होने पर व्यापारी किसानों को कम कीमत में बेचने को मजबूर करें। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर अड़े किसानों के आंदोलन और आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया है। इसके बाद भी आंदोलनरत किसान जब तक संसद में विधिवत घोषणा नहीं की जाएगी तब तक धरने पर बैठे रहेंगे।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!