VIDEO : अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग ने की राज्यसभा सीट की मांग

बिलासपुर. प्रदेश में अनूसचित जाति वर्ग और पिछड़ा वर्ग की संख्या बहुतायात है। प्रदेश के आधे से ज्यादा विधानसभा सीट में जीत हार के लिये अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कांग्रेस की सरकार जाने के पूर्व भारतीय जनता पार्टी लगातार तीन पंचवर्षीय योजना में पूर्ण बहुमत के साथ चुनात जीतती आ रही थी। उक्त जीत के सिलसिले को तोडऩे और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग एक तरफा वोट देकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई।

छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी के आधार पर इस वर्ग को राज्यसभा जैसे उच्च सदन में प्रतिनिधित्व देने की पंरपरा विगत वर्षों से चली आ रही थी। लेकिन पिछले कार्यकाल में इस वर्ग के किसी योग्य व्यक्ति को राज्यसभा में भेजने की परंपरा टूट गई थी और इस वर्ग को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व से वंचित होना पड़ा है। जो गंभीर चिंता का विषय है। इस वर्षि पर समाज के बुद्धिजीवी लोग चिंतित है और प्रदेश स्तरीय सामाजिक बैठक कर मांग कर रहे हैं कि इस वर्ष राज्य सभा सदस्य की दो सीट खाली हो रही है उनमें एक सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग का अधिकार सुनिश्चित किया जाये। राज्यसभा की 2 सीट में से एक सीट पर अनुसूचित जाति का अधिकार भी बनता है। इसके लिये समाज के लोग बैठक कर आपसी सहमति बनाकर समाज के पढ़े-लिखे योग्य व्यक्तियों का चयन कर तीन नामों का पैनल बनाया है। अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी छत्तीसगढ़ में काफी है इस वर्ग को भी राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। वर्तमान में इस वर्ग से राज्यसभा में अभी छाया वर्मा सदस्य हैं। परंतु इनका कार्यकाल 29 जून 2022 को पूर्ण हो रहा है। छाया वर्मा की सीट खाली होने पर इस वर्ग का राज्यसभा में कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं होगा। इसलिये राज्यसभा की एक सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के खाते में जाना इस वर्ग के भागीदारी के लिहाज से उचित होगा।

03 और 10 अप्रैल को बिलासपुर और 16 और 24 अप्रैल को रायपुर में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के बुद्धिजीवियों की प्रदेश स्तरीय बैठक आहुत की गई। जिसमें उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से सम्मानित राज्यसभा सदस्य के लिए सामाजिक शर्तें निर्धारित की जिसमें तय किया गया कि जो भी व्यक्ति राज्यसभा सदस्य बनता है वे पे बैक टू सोसायटी के तहत सामाजिक शैक्षणिक व समाजोपयोगी गतिविधियों के संचालन के लिये अपनी सैलरी से प्रतिमाह 30 प्रतिशत की राशि समाज के चरणों में अर्पित करेगा। दूसरो राज्यसभा सदस्य के लिये नामिक व्यक्ति समाज कापे एक नोटरीकृत शपथ देगा जिसमें अंकित रहेगा कि अगर मैं समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरूंगा या संविधान विरोधी निर्णयों पर अपनी आवाज बुलंद करने में असमर्थ रहंूगा तो समाज मुझे वापस बुला सकेगा जिसके लिये मैं अपना इस्तीफा अभी से समाज को सौंपता हूं। समाज के लोगों ने यह भी तय नहीं किया है कि सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक चेहरे को राज्यसभा सदस्य बनाया जाये इसकेे लिये बराकर अनुसूचित जाति वर्ग से 3 नामों का और अन्य पिछड़ा वर्ग के चार नामों का पैनल बनाया गया है। जिनमें अन्य पिछड़ा वर्ग से बृजेश साहू, श्याममूरत कौशिक, कांति साहू और कुमार राज कश्यप का नाम सामने रखा गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग से डॉ. प्यारेलाल आदिले और विजय कुमार कुर्रे का नाम मीडिया के सामने रखा गया है।

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