VIDEO : शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कलेक्टोरेट में सौंपा ज्ञापन
बिलासपुर. शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है। यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हास्टल से चिकित्सालय और महाविद्यालय आने जाने में भारी दिक्कत होती है। अपना खुद का कैंपस की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं ने पूर्व में कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा था इसके बाद भी उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आज कलेक्टर कार्यालय में छात्र-छात्राएं भारी संख्या में पहुंचे और कैंपस की मांग को लेकर घंटो कलेक्टर कार्यालय के पास खड़े रहे। ये सभी जिलाधीश से मिलना चाह रहे थे लेकिन जिलाधीश के नहीं होने के कारण एक फिर से इन्हें निराशा ही हाथ लगी।
ज्ञापन सौंपने आये छात्र-छात्राओं ने बताया कि सात साल पहले शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय का संचालन नागोराव शेष भवन में शुरू किया गया था और आज भी यहां से ही महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के रहने के लिये हॉस्टल की सुविधा अशोक नगर में की गई है वहीं चिकित्सालय नूतन चौक में है। आने जाने में ही ज्यादा समय छात्र-छात्राओं का लग जाता है जिसके कारण उन्हें भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। दो अलग अलग स्थानों में कक्षाएं संचालित होने के कारण उन्हें खुद के पैसे से आना जाना पड़ रहा है। चिकित्सालय एवं महाविद्यालय जाने के लिये बस की व्यवस्था, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की सुविधा व स्वयं के कैंपस की व्यवस्था कराई जाये जहां खेल मैदान, पार्किंग सहित सभी तरह की सुविधाएं हो। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने आये छात्र-छात्राओं ने एडिशनल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के बाद भी घंटो कलेक्टर परिसर के आसपास बैठे रहे। कुछ छात्रों ने कहा कि हम विधायक शैलेश पाण्डेय का इंतजार कर रहे हैं जो हमारी समस्या समझेंगे और निराकरण करेंगे। दोपहर साढ़े तीन बजे तक आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं कलेक्टोरेट दफ्तर के पास जमे रहे।
पार्किंग की सुविधा नहीं
नागोराव शेष भवन में संचालित हो रहे आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अपने वाहनों जिम्मेदारी स्वयं उठानी पड़ती है। अभी यहां दुर्गा पंडाल लगेगा जिससे और भी समस्या होगी। बार-बार मांग करने के बाद भी इन छात्र-छात्राओं का कोई सुनने वाला नहीं है। समस्या का अगर हल नहीं किया गया तो ये लोग मंत्रालय तक जाने को तैयार हैं।