मान सरकार की प्रशासनिक नाकामी का नतीजा है पटियाला की हिंसा : सुखबीर बादल

शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने पटियाला में हुई हिंसा को पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की ‘प्रशासनिक नाकामी और लापरवाही भरे राजनीतिक अवसरवाद’ का नतीजा बताया. पटियाला में शुक्रवार को खालिस्तान (Khalistan) विरोधी मार्च के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई थी और इस दौरान तलवारें तक निकल आई थीं. पुलिस को तब हालात पर काबू पाने के लिए फायरिंग करनी पड़ी थी.

मान सरकार पर निशाना

घटना को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान नीत आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर निशाना साधते हुए बादल ने कहा, ‘प्रशासनिक नाकामी और लापरवाही भरे राजनीतिक अवसरवाद का सीधा नतीजा है जो राज्य में मौजूदा शासन का हॉलमार्क (निशान) बन गया है.’

उन्होंने कहा, ‘महज कुछ सप्ताह में उन्होंने शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए पंजाबियों द्वारा दशकों से किए गए बलिदान को खतरनाक साम्प्रदायिक खाई के मुहाने लाकर खड़ा कर दिया है. यह साम्प्रदायिक घृणा की राजनीति का नतीजा है जो पिछले कुछ वर्षों से आम आदमी पार्टी पंजाब में कर रही है.’

हरियाणा के गृह मंत्री का बयान

वहीं, हरियाणा (Haryana) के गुरुग्राम में राज्य के गृह मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित इस राज्य पर शासन करने के लिए आम आदमी पार्टी ‘पूरी तरह अनुपयुक्त है.’ उन्होंने संघर्ष को बड़ी चिंता का विषय करार देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि लोगों को शांति और विश्वास बनाए रखना चाहिए कि केन्द्र सरकार भारत में ऐसी गतिविधि की अनुमति नहीं देगी.

पटियाला में क्या हुआ था?

पंजाब के पटियाला में खालिस्तान विरोधी एक मार्च को लेकर दो समूहों में झड़प में चार व्यक्तियों के घायल होने के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. काली देवी मंदिर के पास दो समूहों के बीच शु्क्रवार को हुई झड़प में शिवसेना नेता हरीश सिंगला को हिरासत के बाद आज गिरफ्तार कर लिया गया है. हिंसा की गाज पुलिस के तीन बड़े अफसरों पर गिरी है.

हिंसा की तैयारी कर रहे थे खालिस्तानी

इस बीच सामने आया है कि खालिस्तानियों ने पटियाला में हिंसा की तैयारी काफी पहले से कर रखी थी. इस मामले के एक आरोपी बरजिंदर सिंह परवाना के 22 अप्रैल के वीडियो से इस बात का खुलासा हुआ है. उस वीडियो में आरोपी हिंसा की धमकी देने के साथ खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहा था. वहीं हिंसा के बाद उसके मुंह छुपा कर भागने का वीडियो भी सामने आया है. आपको बता दें कि आरोपी बरजिंदर किसान आंदोलन में भी शामिल था.

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