वर्धा के खिलाड़ियों को मिलेगा देश-विदेश में खेलने का मौका : सांसद रामदास तडस
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के मेजर ध्यानचंद क्रीड़ा भवन एवं निवनिर्मित बास्केटबॉल मैदान का उद्धाटन बुधवार, 30 नवंबर को वर्धा के सांसद श्री रामदास तड़स के करकमलों से किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रीडा नीति बनायी है जिससे भारत के खिलाडियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है। खेलो इंडिया के माध्यम से हमें खेलों का प्रचार – प्रसार कर खिलाडियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। हिंदी विश्वविद्यालय में बने बास्केटबॉल मैदान से वर्धा शहर के खिलाडियों को बास्केटबॉल का बेहतरीन प्रशिक्षण मिल सकेगा और आगामी दिनों यहाँ के खिलाड़ी देश – विदेश में वर्धा का नाम रौशन कर सकेंगे. उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय में इनडोर स्टेडियम बनाने के लिए भरसक प्रयास किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रजनीश कुमार शुक्ल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए काफी प्रावधान किये गए हैं। खेलों में अमरावती के हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंडल गांधी, सुभाष चंद्र बोस और सावरकर आदि के द्वारा समर्थित रहा। विश्वविद्यालय में शारीरिक शिक्षा एवं क्रीडा का पाठ्यक्रम शुरू करते हुए खिलाडियों को तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यहाँ ऐसी खेल सुविधाओं का निर्माण करेंगे जिससे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एशियाड, कामनवेल्थ और ओलंपिक खेलों तक पहुँच सकें। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव कादर नवाज खान, वित्ताधिकारी पी. सरदार सिंह, दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक डा. के. बालराजु मंचासीन थे। कार्यक्रम की प्रस्तावना और स्वागत वक्तव्य क्रीडा समिति के उपाध्यक्ष प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन आरती तेलगोटे और सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप सपकाले ने किया । इस दौरान वर्धा के खिलाडियों का बास्केटबॉल का प्रदर्शनी मैच खेला गया। सांसद रामदास तडस और कुलपति प्रो. शुक्ल ने खिलाडियों का परिचय कर उन्हें शुभकामनाएं दी। क्रीड़ा समिति के सचिव अनिकेत अनिल आंबेकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में क्रीडा समिति के सदस्य, अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।