हममें क्षेत्रीयता से उठ राष्ट्रीयता पर खड़े होने का जज़्बा-डॉ.संगीता

सूर्य-पुष्पा फाउंडेशन ने किया सम्मान

बिलासपुर/ नगर की समाज सेवी संस्था श्रीसूर्या-पुष्पा फाउंडेशन के द्वारा विश्व हिन्दी परिषद शैक्षणिक प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ अध्यक्ष डाक्टर संगीता सिंह बनाफर जी का सम्मान शाल,श्रीफल,मोंमेंटो देकर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर फाउंडेशन के डॉयरेक्टर गौरव शुक्ला व सदस्य राधव साहू ,शिवनंदन शुक्ला मौजूद थे।परिचर्चा के दौरान उन्होंने जो बातें कहीं वह ऊर्जा से परिपूर्ण थी।उन्होंने कहा कि अगर हम हिंदी भाषी हैं तो हमको बिल्कुल भी संकोच की जरूरत नहीं है।हम कहीं भी अंग्रेजी बोलने वालों से पिछड़े नहीं है।हिंदी हमारी मातृभाषा ही नहीं अपितु प्राण भाषा है।यदि हम छत्तीसगढ़ से हैं तो हम बिल्कुल भी पिछड़ा ना समझा जाये।हम सबमें यह योग्यता है कि हम अग्रिम पंक्ति में खड़े हो सकें और राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें । छत्तीसगढ़ के लोगों में मानवता है ,मृदुभाषिता है,आगे बढ़ने का जज्बा भी है।यही जज्बा हमें क्षेत्रीय स्तर से उठाकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएगा। मुझे अपने छत्तीसगढ़ी और भारतीय होने पर गर्व है और मां शारदे से प्रार्थना है कि है कि –

” मेरी लेखनी से विध्वंस नहीं,
सृजन का साक्षात्कार हो।
मेरे प्रति शब्द
मां शारदे की प्रतिलिपि,
प्रति रचना
माँ भारती का श्रृंगार हो।”

भविष्य में छत्तीसगढ़ और राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकूं यही कामना है।अपनी हिंदी को सम्मान देने के लिए एक अपील करना चाहूंगी कि हम अपने हस्ताक्षर हिंदी में प्रारंभ करें।

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