कमजोर दिल वालों को जल्दी आ सकता है Heart Attack, जानें इसे मजबूत करने के दमदार उपाय
हृदय कमजोर होने पर ठीक से काम करना बंद कर देता है। इसलिए कमजोर दिल के कारण, लक्षण और इसे मजबूत बनाने के उपाय आपको जरूर जानने चाहिए।
व्यक्ति के शरीर में दिल बहुत महत्वपूर्ण अंग है। शरीर के इस छोटे से हिस्से का स्वस्थ रहना भी बहुत जरूरी है। ये स्वस्थ तो हम स्वस्थ। जब दिल स्वस्थ होता है, ह्दय के दाहिने ओर से फेफड़ों में ब्लड पंप करता है, जहां ऑक्सीजन एकत्रित होती है।
फिर इसे हृदय के बाईं ओर धकेल दिया जाता है और शरीर के बाकी हिस्सों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करता है। लेकिन जब हृदय कमजोर हो जाए और इसके काम करने की क्षमता पर असर पड़ने लगे, तो शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ब्लड पंप नहीं हो पाता और दिल कमजोर हो जाता है। दिल का कमजोर होना कोई सामान्य बात नहीं है। इसलिए कमजोर दिल के कारण, लक्षण और इसे मजबूत करने के तरीकों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
कोरोनरी धमनी की बीमारी कमजोर दिल का सबसे आम कारण है। जब कोई व्यक्ति में धमनी में रूकावट के कारण हार्ट अटैक से ग्रसित होता है, तो हदय की मांसपेशियों का हिस्सा डैमेज हो जाता है और पंपिंग धीमी पड़ जाती है।
वॉल्वूलर हार्ट डिसीज
जब कभी लेटने के दौरान सांस लेने में तकलीफ हो, तो उसे ऑर्थोपेनिया कहते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान देने की जरूरत है कि कहीं दिल पर असर तो नहीं पड़ रहा।
थकान होना
हृदय की पंपिंग कम होने के कारण मांसपेशियों में खून ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता। इसलिए जरा सी दिक्कत होने पर मरीज थकान महसूस करने लगता है।
दिल की धड़कन तेज होना
दिल की धड़कन तेज होना कमजोर दिल का लक्षण है। इस लक्षण को जल्द नहीं पहचाना जाए, तो कार्डियक डेथ तक हो सकती है।
- कमजोर दिल का सबसे महत्वपूर्ण कारक है आपकी जीवनशैली की खराब आदते। आप धुम्रपान छोड़ सकते हैं, स्वस्थ आहार खा सकते हैं और नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करके जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं।
- यदि कोरोनरी धमनी की बीमारी के कारण हार्ट मसल्स डैमेज हो जाएं तो एंजियोप्लास्टी या बाइपास सर्जरी कराने के बाद हार्ट की पंपिंग सामान्य हो जाती है।
- यदि दवा और कई उपायों से ब्लड प्रेशर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जाए, तो हार्ट की पंपिंग सामान्य हो जाती है और हृदय कमजोर नहीं पड़ता।
- कमजोर दिल से बचने के लिए टाचिकार्डिया को नियंत्रित करना जरूरी है। इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी और रेडियोफ्रिक्वेंसी एब्लेशन की मदद से ह्दय की पंपिंग में चमत्कारिक सुधार होता है।
गंभीर मामलों में जब हार्ट फेलियर होता है और किसी तरह से हार्ट की पंपिंग में सुधार नहीं किया जा सकता, तो डॉक्टर्स हार्ट इंप्लाटेंशन की सलाह देते हैं। अगर आपको दिल की समस्या से जुड़े कोई लक्षण दिखें, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात जरूर करें।