राम जन्मभूमि का नाम लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया क्या बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब तक वह चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई और उनका निपटारा नहीं कर देता, तब तक देश में कोई और मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है। समीक्षा के तहत प्रमुख प्रावधानों में धारा 2, 3 और 4 शामिल हैं, जो धार्मिक स्थलों के रूपांतरण और 1947 की उनकी स्थिति के बारे में मुकदमों को रोकते हैं। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की विशेष बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जब तक हम मामले की सुनवाई और निस्तारण नहीं कर देते, तब तक कोई और मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता। हमारे पास राम जन्मभूमि मामला भी है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सरकार इस मामले में हलफनामा दाखिल करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्र का जवाब दाखिल नहीं होता, तब तक मामले की सुनवाई पूरी तरह संभव नहीं है। न्यायालय ने केंद्र द्वारा याचिकाओं पर जवाब दाखिल किए जाने के बाद संबंधित पक्षों को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक सर्वेक्षण के लिए कोई नया वाद किसी भी अदालत में दायर या पंजीकृत नहीं किया जाएगा।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!