किसानों के मामले में वकीलों की नियुक्ति करने में Central Government की क्या दिलचस्पी है : Manish Sisodia
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शनिवार को कहा कि उप राज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने किसानों के आंदोलन से संबंधित मामलों की पैरवी के लिए वकीलों का चयन करने के AAP सरकार के फैसले को केंद्र सरकार के पास भेजा है.
‘LG का हर फैसले में हस्तक्षेप करना गलत’
इसके साथ ही, सिसोदिया ने आरोप लगाया कि निर्वाचित आप सरकार के कामकाज में अड़चनें डाली जा रही हैं. उप राज्यपाल को दिल्ली सरकार (Delhi Government) के हर एक मामले में नहीं, बल्कि किसी भी मामले में केवल असाधारण परिस्थितियों में ही हस्तक्षेप करना चाहिए. अन्यथा एक निर्वाचित सरकार की आवश्यकता ही क्या रह जाएगी.
19 जुलाई को CM केजरीवाल ने लिया था निर्णय
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने 19 जुलाई को निर्णय लिया था कि पिछले वर्ष केंद्र द्वारा लागू किए गए विवादित नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से जुड़े मुकदमे लड़ने के लिए वकीलों का चयन दिल्ली सरकार करेगी. लेकिन आज, उप राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने इस विषय को केंद्र के पास भेजा है ताकि इस पर माननीय राष्ट्रपति विचार कर सकें.
‘वकील चुनने में केंद्र की क्या दिलचस्पी है?’
सिसोदिया ने पूछा कि, वकील चुनने में केंद्र की क्या दिलचस्पी है? यदि वकीलों का चयन भी वे ही करना चाहते हैं तो दिल्ली की निर्वाचित सरकार का क्या मतलब रह जाता है. दिल्ली के उप राज्यपाल के पास दिल्ली सरकार के ऐसे फैसलों को केंद्र के पास भेजने की शक्ति है, जिनसे वह सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह बात हर मामले में नहीं, बल्कि केवल असाधारण परिस्थितियों में लागू होती है. लेकिन LG इन शक्तियों का लगभग हर मामले में इस्तेमाल कर रहे हैं.