लोक सभा में सभी पार्टियों ने जारी किया व्हिप, OBC बिल पर होगी चर्चा

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नई दिल्ली. लोक सभा में सभी पार्टियों ने Whip जारी किया है. OBC बिल पर मंगलवार को लोक सभा में चर्चा होगी. विपक्षी दलों ने भी आज इस बिल को पास कराने पर सहमति जताई, ये 127वां संविधान संशोधन बिल है. राज्य सभा में बीजेपी ने 11 और 12 अगस्त के लिए Whip जारी किया है. इस बिल के पास होने के बाद OBC कैटेगरी में जातियों को शामिल करने का अधिकार राज्यों को मिल जाएगा.

संविधान संशोधन विधेयक लोक सभा में पेश

लोक सभा में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया जो राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के लिए सशक्त बनाता है. लोक सभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका की थी खारिज

विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है, ‘देश की संघीय संरचना को बनाए रखने के दृष्टिकोण से संविधान के अर्टिकल 342क का संशोधन करने, आर्टिकल 338ख और आर्टिकल 366 में संशोधन करने की आवश्यकता है.’ गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई के बहुमत आधारित फैसले की समीक्षा करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें यह कहा गया था कि 102वां संविधान संशोधन नौकरियों और एडमिशन में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े (SEBC) को आरक्षण देने के राज्य के अधिकार को ले लेता है.
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शाह से मिले फडणवीस

दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की और उनसे अन्य पिछड़ा वर्ग (BC) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को संसद के मॉनसून सत्र में पारित कराए जाने का अनुरोध किया. इस विधेयक में राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों को अन्‍य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार देने का प्रावधान है.

मराठा आरक्षण को लेकर उद्धव पर निशाना

फडणवीस ने शाह से मुलाकात के बाद कहा, ‘मैंने अपील की यह विधेयक इसी सत्र में पारित होना चाहिए. मैं उन सभी राजनीतिक दलों, जिन्होंने संसद में गतिरोध कायम किया है, से भी अपील करूंगा कि वह ओबीसी कल्याण के लिए इसका समर्थन करें और सर्वसम्मति से पारित करें.’ महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण से संबंधित कानूनी चुनौतियों से सही तरीके से नहीं निपटने के लिए फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लिया.

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