WHO ने कहा सीमाएं सील करने से कुछ नहीं होगा, अब अर्थव्यवस्थाओं को खोलना होगा


जिनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस (CoronaVirus) के प्रसार को रोकने के लिए सीमाओं को सील रखने से कुछ खास होने वाला नहीं है. WHO ने कहा कि जहां वायरस के प्रसार के मामलों में तेजी आई है, वहां स्थानीय ज्ञान के आधार पर व्यापक रणनीति बनाये जाने की जरूरत है.

कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए कई देशों ने अंतरर्राष्ट्रीय सीमाओं को सील किया हुआ है. इसके अलावा, कुछ जगह राष्ट्रीय स्तर पर भी एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही बंद है. वहीं, यूरोपीयन देशों में संक्रमण के बढ़ते मामलों  को ध्यान में रखते हुए फिर से सीमाएं बंद करने पर चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय को अब इस तरह से उपाय कारगर नजर नहीं आ रहे हैं.

WHO ने स्पष्ट किया है कि सीमाओं को बंद करने जैसे उपाय अनिश्चित काल तक लागू नहीं किये जा सकते और केवल तभी प्रभावी हो सकते हैं जब संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए अन्य उपायों के साथ इन्हें अमल में लाया जाए. डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन कार्यों के निदेशक माइकल रयान (Michael Ryan) ने वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील रखने के निरंतर प्रयासों को दुनिया की अर्थव्यवस्था या गरीब देशों के लिए स्थायी रणनीति के तौर पर नहीं देखा जा सकता.

उन्होंने आगे कहा कि देशों के लिए अपनी सीमाओं को लंबे समय तक बंद रखना संभव नहीं है और अब अर्थव्यवस्थाओं को खोलना होगा, लोगों को काम करना होगा, व्यवसायों को फिर से शुरू करना होगा. रयान ने स्वीकार किया कि COVID-19 को लेकर पूरी दुनिया में एक जैसी रणनीति काम नहीं कर सकती, क्योंकि हर देश की स्थिति दूसरे से अलग है. उदाहरण के तौर पर जिन देशों में बड़े पैमाने पर वायरस फैल रहा है, वहां लॉकडाउन जैसे कड़े उपाय अपनाए जा सकते हैं, जबकि अन्य के लिए रणनीति एकदम उलट होगी.

अब इसके साथ रहना सीखना होगा
वहीं, COVID -19 पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव (Maria Van Kerkhove) ने कहा कि वायरस को रोकने के लिए कठोर उपायों के बजाय, लोगों को अब इसके साथ रहना सीखना होगा. हमें यह पता लगाना होगा कि हमारा ‘न्यू नॉर्मल’ कैसा है. हमारे न्यू नॉर्मन में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना शामिल है.

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