WHO ने Mixing Covid-19 Vaccines को बताया था ‘खतरनाक’ ट्रेंड, फिर भी यहां मिली दो टीकों की खुराक को मिलाने की अनुमति

कोविड-19 के नए वेरिएंट्स अल्फा, बीटा, गामा मौजूदा वैक्सीन की खुराक को बेअसर कर सकते हैं। इसलिए आने वाले दिनों में एक साथ वैक्सीन को 2 डोज मिल सकते हैं।

कोविड के कहर को रोकने के लिए भारत सहित दुनिया भर के देशों की वैक्सीनेशन ने प्रोग्रेस की है। जैसा कि वैक्सीन वायरस म्यूटेशन के खिलाफ जीवनरक्षक साबित हुई हैं और अब टीकों को आपस में मिलाने को लेकर चर्चा हो रही है। आसान भाषा में समझें तो किसी व्यक्ति को कोविड की दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक देना। इस पर अभी परीक्षण चल रहे हैं।

मिक्स-एंड-मैच COVID वैक्सीन मेकेनिज्म को पहले से ही लेने वाले थे। वैक्सीन की मिक्सिंग को लेकर थाईलैंड, कनाडा और इंडोनेशिया सहित कई देशों ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। ऐसे में आने वाले महीनों में बूस्टर शॉट्स और अधिक मिक्स शॉट्स की खुराक भी लोगों को मिल सकती है। लेकिन इसका इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित होगा? आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

​COVID-19 टीकों के मिश्रण से क्या होगा फायदा?

चूंकि कोरोनवायरस का डेल्टा वेरिएंट दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है और मौजूदा टीकों के असर को कम कर रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दो टीकों की खुराक को मिलाकर दें तो इम्यूनिटी और एंटीबॉडीज को नए वेरिएंट्स बेअसर नहीं कर पाएंगे। मिक्स वैक्सीन के डोज लोगों में उच्च प्रभावकारिता (higher efficacy) को ट्रिगर कर सकता है। इस तरह वैक्सीन लगाने से इफेक्टिवनेस और इम्यूनिटी लोगों में बरकार रहेगी और उन्हें नए वेरिएंट्स से सुरक्षा भी मिलेगी।

​किन देशों ने शुरू की ऐसी खुराक देने की प्रक्रिया?

वैसे तो ऐसी खुराक देने को लेकर शोध जारी हैं, लेकिन कोविड के नए वेरिएंट्स की चिंताओं को लेकर कई देश मिक्स वैक्सीन देने पर विचार कर रहे हैं। इनमें कनाडा, थाईलैंड शामिल हैं जहां पर आने वाले दिनों में लोगों को मिस्क वैक्सीन की खुराक मिल सकती है।इसके अतिरिक्त बहरीन, भूटान, इटली, थाईलैंड और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को दी जाने वाली खुराक में दो टीकों को मिलाना शुरू कर दिया है। क्योंकि मौजूदा दौर के टीके कोविड के नए वेरिएंट्स के खिलाफ पूरी तरह से असरदार साबित नहीं हुए हैं।

​मिक्स टीकों पर क्या है WHO और हेल्थ विशेषज्ञों की राय?

भले ही मिक्स खुराक को लेकर किए गए शोध में ये बात साबित हो चुकी है कि उससे लोगों को वेरिएंट्स के खिलाफ पर्याप्त लाभ मिलते हैं। बावजूद इसके कुछ चिकित्सा विशेषज्ञ और डॉक्टर अभी भी इस पॉलिसी को उपयोग में लाने से सावधानी बरत रहे हैं।बता दें कि जब COVID-19 टीकाकरण अभियान पहली बार शुरू किया गया था, अधिकारियों ने यह प्रमाणित करना जारी रखा कि लाभार्थियों को केवल और केवल उसी तरह की खुराक मिलनी चाहिए, यानी एक ही वैक्सीन मॉडल।

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीनों को मिक्स कर उसकी डोज लगवाने को लेकर चेतावनी दी है।

स्वामीनाथन ने इसे खतरनाक ट्रेंड बताते हुए कहा कि इससे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे लेकर कोई शोध नहीं हुआ है; तो ऐसे में अलग-अलग वैक्सीन को मिक्स करना खतरनाक ट्रेंड हो सकता है। वहीं दूसरी ओर, इस कदम का समर्थन करने वाले विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि नीति टीकाकरण अभियान की गति और प्रभावशीलता को और बढ़ा सकती है।

​क्या ये सुरक्षित है?

कई क्लिनिकल ट्रायल्स के इम्युनोजेनेसिटी और सहनशीलता (tolerability) के परिणामों के जरिए पता चला है कि मौजूदा दौर में COVID-19 टीकों मिलाकर देने में कोई बुराई नहीं है। ऐसा करने से इम्यून सिस्टम पॉवर बूस्ट होगी। हालांकि, अभी तक सुरक्षा का समर्थन करने को लेकर पर्याप्त डेटा नहीं है। जबकि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि टीकों को मिलाने से अलग-अलग तरह के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। ऐसे टीकों के उपयोग पर सुरक्षा का पता तभी लगाया जा सकता है, जब हमारे पास इसका पर्याप्त डाटा हो। बहरहाल, शुरुआती शोध ने अभी भी मिक्स एंड मैच पॉलिसी को लेकर लाभों का पता किया है।
​क्या आपको मिक्स वैक्सीन का इंतजार करना चाहिए?डेल्टा प्लस वेरिएंट के बीच टीकों की कमी का सामना कर रहे हैं, ऐसे में मिक्स एंड मैच पॉलिसी वैक्सीनेशन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है या इसकी दूसरी खुराक में देरी हो सकती है। हालांकि, ऐसा करना इतना उचित नहीं होगा। दूसरी खुराक में देरी करना एक बुद्धिमान विचार नहीं होगा, क्योंकि पहली खुराक से मिलने वाली इम्यूनिटी अल्पकालिक (short-lived) हो सकती है और पूरी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती है। लिहाजा दूसरी खुराक लेने की उम्मीद में लंबा इंतजार करना आपको गंभीर जोखिम में डाल देगा। इसलिए आपको डोज लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।

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