इंद्रपुरी  के 40 परिवारों को रेलवे का बिना व्यवस्थापन के बेदखली नोटिस 35 साल बाद क्यों?

कुंभकर्णी नींद से जागे रेलवे के अधिकारी पर कार्यवाही होनी चाहिए

प्रभावितों की न्याय और आवास की मांग जायज

बिलासपुर.  इंद्रपुरी में 35-40 साल से रह रहे लोगों को बेदखली के नोटिस से रहवासियों में हड़कंप मचा हुआ है। तिफरा के इंद्रपुरी नगर, चित्रकांत जायसवाल वार्ड क्रमांक 8 के करीब 40 परिवार इन दिनों भारी दहशत में हैं। रेलवे द्वारा नई रेलवे लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद इन परिवारों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया है। जिस जमीन पर वे रहते हैं, वह रेलवे की है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि वे पिछले 35-40 साल से इसी जमीन पर अपने घर बसाए हुए हैं।

जन चेतना भारत पार्टी के अध्यक्ष , जसबीर सिंह चावला ने मांग की है की है कि स्थानीय निवासियों को निगम और राज्य सरकार जब तक रहने के लिए स्थायी स्थान नहीं देता , तब तक बेदखली की कार्रवाई को रोका जाए।

बेदखली का नोटिस मिलने के बाद यहां के रहवासी निगम कार्यालय पहुंचे और आवास दिलाने की मांग की। रहवासियों का कहना है कि वे ज्यादातर मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं। गरीबी और बेरोजगारी के कारण न तो वे कहीं और प्लॉट या मकान खरीद सके और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ इन्हें मिल पाया। इंद्रपुरी नगर की रहने वाली रीना मैके बाई ने कहा कि हम यहां तब आए थे, जब यह इलाका लगभग वीरान था। आज हमारे बच्चे अब स्कूल जा रहे हैं, यहीं बड़े हो रहे हैं, लेकिन अब हमें बिना कहीं ठिकाना दिए बेदखल किया जा रहा है। रेलवे की कार्रवाई की सूचना मिलते ही मोहल्ले में डर का माहौल है।

जन चेतना भारत पार्टी के जसबीर सिंह चावला ने रहवासियों को एक बार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत व्यवस्थापित कर प्रशासन से मदद देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि , यह ४० मकान रातों रात नहीं बने , जब पहला मकान बन रहा था , तब क्यूँ नहीं रोका , बिजली का कनेक्शन देते समय , अधिकारी सोते रहे , यहाँ आम जनता के टैक्स का पैसा लगा है, और नाली , सड़क ,बिजली आदि की सुविधाएँ दी गयी हैं , जो सब व्यर्थ चली जायेगी, यदि आनन् फानन में बुलडोज़र चला तो !!
पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम , 2013 का पूर्णतः पालन होना चाहीये और गरीब मजदूरों द्वारा एक एक ईंट जोड़कर जो आशियाना बनाया गया है , उसे औचक तोडना बिलकुल जायज़ नहीं है , छत्तीसगढ़ में पिछले 25 सालों में कांग्रेस और भाजपा की बारी बारी सरकार रही है, किन्तु किसी ने भी इन गरीबों की सुध नहीं ली , दोनों ही पार्टियां , आम जन को हमेशा अपने पास चक्कर कटवाते रहने की नियत से किसी भी ऐसी विकराल समस्या का स्थाई समाधान नहीं देते l भाजपा जिसके पास ED और CBI है, वो क्यूँ नहीं इतने दिनों में पता लगा पायी कि , यह कौन लोग बेजा कब्ज़ा कर रहे हैं , यह लोग तो इसी देश के हैं , तो क्यूँ नहीं इनको स्थाई निवास दे दिया जाए ? इनसे शपथ पत्र लेकर , एक बार के लिए सरकारी आवास मुहैय्या करवा दिया जाए l
और रेलवे भी इसी देश की है, कलेक्टर और नेताओं का ऐसा बयान कि , हम रेलवे के सामने बेबस हैं , बिलकुल स्वीकार नहीं है l इन लोगों का उपयोग 5 साल में एक बार वोट देने के लिए , सिर्फ न किया जाए l

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