ढेरों व्रत करने के बाद भी पूरी नहीं हो रहीं मनोकामनाएं, ये गलतियां हो सकती हैं वजह
नई दिल्ली. सनातन धर्म में ईश्वर की भक्ति-आराधना करने में व्रत (Vrat) का बहुत महत्व है. साल के अहम दिनों के साथ-साथ हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता (God-Goddess)को समर्पित है. लोग अपनी आस्था के मुताबिक इन दिनों में व्रत (Fast) रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं. हिंदू धर्म में वैसे तो हर व्रत के लिए अलग-अलग नियम, पूजा के तरीके बताए गए हैं लेकिन कुछ नियम ऐसे हैं, जो सभी व्रतों में लागू होते हैं. यदि व्रत-पूजा विधि-विधान से न किए जाएं या जरूरी नियमों (Important Rules for fasting) का पालन न किया जाए तो उसका पूरा फल नहीं मिलता है. आज हम जानते हैं व्रत से जुड़े जरूरी नियम, जिनका हमेशा पालन करना चाहिए.
व्रत के जरूरी नियम
– जब भी किसी भी देवी-देवता के लिए व्रत रखना शुरू करें तो उसका संकल्प जरूर लें. बिना संकल्प लिए व्रत अधूरा रहता है. संकल्प लेते समय तय करें कि कितने समय तक के लिए व्रत ले रहे हैं.
– संबंधित व्रत को लेकर जो भी नियम धर्म-परंपरा में बताए गए हैं, उनका पालन करें. केवल बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग ही कुछ छूट ले सकते हैं.
– व्रत के दिन सुबह जल्दी नहाकर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद भगवान को प्रणाम करें. व्रत के दिन बताए गए समय पर विधि-विधान से पूजा-पाठ करें. पूजन से पहलें पूजा घर को साफ करें.
– व्रत के दिन कभी भी काले कपड़े न पहनें.
– व्रत के लिए जरूरी है कि व्यक्ति का मन, शरीर निर्मल रहे. इसलिए व्रत के दिन गुस्सा न करें और ना ही किसी के लिए मन में बुरे विचार लाएं.
– व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें.
– व्रत के दिन देवी–देवताओं की पूजा-आराधना करने के साथ-साथ अपने पितरों को भी नमन करें.
– किसी कारण से व्रत टूट या छूट जाए तो उसके लिए भगवान से क्षमा मांगते हुए उसे अगली बार करें.
– व्रत की सही शुरुआत के साथ-साथ संकल्प पूरा होने पर व्रत का विधि-विधान से उद्यापन भी जरूरी है. इस दिन कन्याओं, माता-पिता, बुजुर्गों का आशीर्वाद लें.