जल जीवन मिशन के तहत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों का वर्क आर्डर जारी
डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दिनांक 29/1/2022 को एक शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, खंड बलरामपुर के द्वारा ठेकेदार से मिलकर उनसे फर्जी दस्तावेज प्राप्त कर करोड़ों का वर्क आर्डर देने में किए गए अनियमितता एवं भ्रष्टाचार तथा फर्जीवाड़ा के संबंध में संबंधित ठेकेदारों एवं अधिकारियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु आवेदन किया गया था जिसमें निम्नलिखित तथ्य हैं-
जल जीवन मिशन अंतर्गत, ग्रामों के जल प्रदाय योजना (एकल ग्राम योजना /बहू ग्राम योजना) एवं डी.पी.आर तैयार करने का कार्य रुचि अभिव्यक्ति (ई.ओ.आई/ निविदा) जारी किया गया था (संदर्भित टेंडर नंबर)। ज्ञात हो कि उक्त कार्यालय के द्वारा एकल ग्राम/बहू ग्राम योजना तैयार करने में तो केवल नेम एजेंसीयो को कार्यादेश जारी किया गया है जबकि इनके अलावा अन्य एजेंसियों के द्वारा निविदा में भाग लिया गया था।
1) फोरसाइट इन्फ्राएस्ट्रक्चर, कटघोरा, कोरबा
2) संस्कृति इंफ्रा रायपुर
3)फ्यूचरेट इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस एलएलपी, पुणे
उक्त नामों को ई.ओ.आई में भाग लिए लेगी एजेंसियों की सूची से मिलान करने पर पता चलता है कि फ्यूचरेट इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस पुणे, एकल ग्राम योजना हेतु प्रकाशित निविदा में भाग ही नहीं ली थी, फिर भी उसे कार्यादेश जारी कर दिया गया जबकि कार्यालय द्वारा अन्य पात्र एजेंसियों को आमंत्रित भी नहीं किया गया। यह पूर्ण रूप से मनमानी किया गया है एवं सख्त कार्यवाही के पात्र हैं। संस्कृति इंफ्रा रायपुर एवं फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर कटघोरा, कोरबा बहु ग्राम योजना के निविदा में भाग नहीं लिए थे, फिर भी इनके द्वारा बहुग्राम योजना का कार्य किया जा रहा है। एकल ग्राम योजना एवं बहुग्राम योजना के लिए यह तीनों एजेंसी में से एक भी पात्र एजेंसी नहीं है। अपात्रता का ब्यौरा इस प्रकार है-
1) फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर, कटघोरा, कोरबा-प्रो० मुकुंद कंवर के द्वारा फर्म का जो जीएसटी पंजीयन प्रमाण पत्र लगाया गया है वह जीएसटी विभाग द्वारा दिनांक 8/6/2021 को जारी किया गया जबकि फर्म के द्वारा जो अनुभव प्रमाण पत्र लगाया गया है वह पीएचई विभाग द्वारा दिनांक 24/3/2021 को प्रेषित किया गया है एवं कुछ प्रमाण पत्र (कार्यादेश) दिनांक 7/12/2015 तथा 30/11/2015 का है जो कि असंभव है। फर्म का जीएसटी सर्टिफिकेट जब 8/6/2021 को जारी हुआ है तो यह कंपनी वर्ष 2015 का अनुभव कैसे प्राप्त किया कर लिया। संबंधित कार्यालय जानकारी लेने पर पता चला कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। इस प्रकार अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी एवं कूट रचित है। एजेंसी के द्वारा जो टर्नओवर सर्टिफिकेट लगाया गया है वह संस्कृति इंफ्रा के नकल कर बनाया गया है जो कि UDIN नंबर से देखा जा सकता है प्रत्येक टर्न ओवर सर्टिफिकेट का अलग UNDI नंबर होता है जबकि फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी के द्वारा जो टर्न ओवर सर्टिफिकेट लगाया गया है वह संस्कृति इन्फ्रा एजेंसी का UNDI है।
फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का पंजीयन प्रमाण पत्र नहीं है फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा केवल पीडब्ल्यूडी विभाग में पंजीयन हेतु आवेदन पत्र छाया प्रति दिया गया है जो कि मान्य नहीं है। फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी द्वारा बहू ग्राम योजना के निविदा में भाग नहीं लिया गया था और एजेंसी को बहू ग्राम योजना (न्यूनतम 25 ग्राम) तैयार करने का अनुभव भी नहीं होने के बावजूद उसे बलरामपुर खंड में बहु ग्राम योजना का कार्य किया जा रहा है। निविदाकार फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर कटघोरा, कोरबा एजेंसी के प्रो. श्री मुकुंद कंवर जिनके नाम पर कंपनी है, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पी०एस० सुमन के रिश्तेदार है। यह प्रकरण कार्यपालन अभियंता पी०एस०सुमन के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग का ही परिणाम है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं को समझने से यह पता चलता है कि यह फर्म सिर्फ और सिर्फ दिखावे के लिए है जिसको तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पी०एस० सुमन एवं संस्कृति इंफ्रा रायपुर द्वारा संचालित किया जा रहा है और मिलकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ना तो इस फर्म के पास कोई पात्र अनुभव है, जो भी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए हैं वह नकली है और फर्जी है जो कि एक अपराधीक कृत्य हैं जिसके लिए इन सभी के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना आवश्यक है।
तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पी०एस० सुमन द्वारा आनन-फानन में फर्म तैयार कर निविदा की दिनांक को फर्म तैयार होने तक बढ़ाया गया दिनांक 8/6/2021 को इन्हें जीएसटी प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ जबकि निविदा भरने की अंतिम तिथि 12/6/2021 रखा गया था।फोरसाइट इन्फ्रास्ट्रक्चर के पास कोई पंजीयन प्रमाण पत्र नहीं है, जीएसटी प्रमाण पत्र के आधार पर पात्र करना बिल्कुल गलत है। निविदा दस्तावेजों में फर्म का पंजीयन प्रमाण पत्र मांग किया गया था, जो कि इस फर्म के पास नहीं है। इस प्रकार से निजी हित को साधने के लिए इन अधिकारियों ने बलरामपुर जिले के जल जीवन के कार्यों को गर्त मे धकेल दिया गया है और सांठगांठ कर करोड़ों का घोटाला किया जा रहा है। जिनके विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना आवश्यक है।
इसके अलावा तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पी०एस० सुमन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बलरामपुर के द्वारा जिला जल एवं स्वास्थ्य समिति के सभी सदस्यों को धोखे में रखकर यह फर्जीवाड़ा एवं भ्रष्टाचार किया गया है। कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला एवं स्वास्थ्य समिति के सभी सदस्यों आदि की गरिमा का हनन किया गया है।
2) संस्कृति इंफ्रा रायपुर एजेंसी-के द्वारा जो डिजाइन सॉफ्टवेयर प्रमाण पत्र (Bentley water gems) दिया गया है वह नकली एवं फर्जी है इसकी जानकारी डिस्ट्रीब्यूटर फर्म concept tele system ( जिसका सर्टिफिकेट उक्त एजेंसी ने लगाया है) द्वारा दिया गया है।
concept tele system के मालिक श्री शरद सक्सेना का मोबाइल नंबर 9425029320 है जिससे वस्तुस्थिति प्रमाणित हो जाएगी कि उक्त सर्टिफिकेट सही है या गलत। इसके अलावा संस्कृति इंफ्रा एजेंसी का ही टर्न ओवर सर्टिफिकेट फोर साइट इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी के द्वारा निविदा में उपयोग किया गया है। जबकि फोरसाइट इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा केवल पीडब्ल्यूडी विभाग में पंजीयन हेतु आवेदन पत्र दिया गया है जिसमें आवेदक का email एवं मोबाइल नंबर श्री फिरू राम कश्यप का है जो कि संस्कृति इंफ्रा कंपनी का मालिक है। इसके अलावा अन्य दस्तावेज जैसे लिस्ट ऑफ एक्यूमेंट आदि इस कंपनी के द्वारा foresight infrastructure को साझा किया गया है।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान से समझने या ज्ञात होता है कि तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पी०एस० सुमन(foresight infrastructure) एवं संस्कृति इंफ्रा ने संयुक्त रूप से दस्तावेजों में हेरफेर किया गया है एवं जल जीवन मिशन के समिति एवं सदस्यों की आंखों में धूल झोंका गया है तथा शासन को भी गुमराह किया गया है तथा शासन के साथ धोखाधड़ी की गई है।
संस्कृति इंफ्रा रायपुर का टर्नओवर सर्टिफिकेट का अवलोकन करने से पता चलता है कि इस फर्म का 5 वर्ष का औसतन टर्न ओवर 41.29 लाख है और इस कंपनी को थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के द्वारा कार्य का अनुभव भी नहीं है और फिर भी संस्कृति इंफ्रा रायपुर का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन का कार्य आवंटित किया गया है जबकि SWSM स्तर पर अनुमोदित निविदा दस्तावेज के अनुसार पात्र होने के लिए एजेंसियों को 5 वर्ष का औसत टर्न ओवर 5 करोड़ (जिसे तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पी०एस० सुमन के द्वारा मनमानी से 50 लाख किया गया) एवं 2 नग थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन(TPI) कार्य का अनुभव अनिवार्य किया गया था। इस कंपनी के पास एक भी पात्र TPT अनुभव नहीं हैं एवं टर्न ओवर 42.20 लाख ही है। केवल नकली एवं फर्जी दस्तावेज के भरोसा यह फर्म जिले के सारे कार्य अपने नाम कर लिए हैं। इस पर अंकुश लगाएं जाए तथा संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार के विरुद्ध फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर लाभ लेने के संबंध में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना आवश्यक है।
3) फ्यूचरेट इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस एलएलपी, पुणे-के द्वारा पाइप लाइन डिजाइन का लाइसेंस नहीं लगाया गया है। निविदा दस्तावेज अनुसार एजेंसियों को hydraulic design software (जैसे benity water germs, epanet, loop आदि) का वैलिड लाइसेंस सर्टिफिकेट लगाया था जो कि इस फर्म के पास नहीं है। एजेंसी द्वारा जो भी अनुज्ञा पत्र दिया गया है वह सर्वेक्षण का है।
SWSM एवं DWSM द्वारा अनुमोदित निविदा दस्तावेज अनुसार एजेंसी को 2 नग (बहु ग्राम योजना) पेयजल प्रदाय योजना जिसमें न्यूनतम 25 ग्राम को सम्मिलित किया गया हो का सर्वेक्षण एवं डीपीआर बनाने का अनुभव हो, जो कि futuretech इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस पुणे के पास नहीं है। एजेंसी द्वारा जो भी अनुभव प्रमाण पत्र दिए गए हैं वे पेयजल प्रदाय योजना के नहीं है, केवल सिंचाई विभाग से संबंधित अनुभव प्रमाण पत्र दिया गया है जो की पात्रता के लिए मान्य नहीं है। वह उक्त निविदा में अपात्र है। कार्यपालक अभियंता पी०एस० सुमन के द्वारा इस कंपनी को पात्र करने के लिए SWSM एवं DWSM द्वारा अनुमोदित निविदा दस्तावेजों में अपेक्षित न्यूनतम अनुभव में बिना समिति के अनुमोदन के बदलाव कर संशोधन पत्र जारी कर दिया गया। संशोधन पत्र पर किसी अन्य हस्ताक्षर नहीं है।
कार्यपालक अभियंता पी०एस० सुमन एवं अन्य हस्ताक्षरकर्ता के द्वारा संयुक्त रूप से इस प्रकार की शासन स्तर पर अनुमोदित निविदा दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर नकली एवं फर्जी दस्तावेज के आधार पर पात्र करना, निविदा अनुसार न्यूनतम अनुभव का अवमानना, कार्य आवंटन प्रणाली को निष्पक्ष रूप से न करना आदि अनेक अनियमितताएं किए गए। जो कि शासन के साथ धोखाधड़ी एवं चीटिंग की श्रेणी में आता है जो कि एक अपराधिक कृत्य है इसलिए संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार के विरुद्ध शासन से करोड़ों का लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत करने के संबंध में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय नवा रायपुर के अवर सचिव के द्वारा दिनांक 5/4/2022 को मिशन संचालक जल जीवन मिशन नीर भवन सिविल लाइन रायपुर को पत्र लिखते हुए निर्देशित किया गया है कि शिकायत का परीक्षण कर जांच प्रतिवेदन विभाग को अति शीघ्र उपलब्ध कराएं।