World Test Championship पर ICC चेयरमैन का बड़ा बयान, खत्म हो सकता है टूर्नामेंट


नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट समिति (ICC) के नए चेयरमैन जॉन बार्कले (John Barclay) ने कहा कि कोरोना प्रभावित पहला संस्करण पूरा हो जाने के बाद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के प्रारूप की समीक्षा करने की जरूरत है.

भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी चार दिन पहले ही बहुचर्चित विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की नई प्रतिशत अंक प्रणाली को बहुत ही भ्रमित करने वाला और इसे समझने में मुश्किल करार दिया था. कोरोना वायरस महामारी के कारण कई सीरीज और मैच पूरे नहीं किए जा सकते हैं. इसे देखते हुए आईसीसी ने हाल में ओवरऑल प्वाइंट के बजाय नई अंक प्रणाली लागू की है.

जॉन बार्कले ने कहा है कि, ‘कुछ मुद्दे हमें पहले से ही कैलेंडर के आसपास मिल चुके है. मुझे आश्चर्य है कि क्या डब्ल्यूटीसी को टेस्ट क्रिकेट में रुचि वापस लाने के लिए शुरू किया गया था’.

59 वर्षीय बार्कले ने कहा कि उनका निजी विचार है कि एक बार जब डब्ल्यूटीसी पूरा हो जाता है, तो फिर से ड्राइंग बोर्ड में जाने की जरूरत है और इसकी संरचना की समीक्षा करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘आदर्शवादी दृष्टिकोण से देखें तो (WTC) काफी ज्यादा मेरिट हैं, लेकिन वास्तविकता में मैं इससे सहमत नहीं हूं. मैं निश्चित नहीं हूं कि इसे जिस लक्ष्य के साथ शुरू किया था वह इसने प्राप्त कर लिया है या नहीं. मेरा निजी विचार है कि कोविड-19 में हम इसमें जो कुछ कर सकते हैं, वो अंकों को बांटकर कर सकते हैं’.

आईसीसी चेयरमैन ने कहा, ‘एक बार ऐसा करने के लिए हमें फिर से बातचीत करनी चाहिए, क्योंकि मैं निश्चित नहीं हूं कि इसने (WTC) ने अपना उद्देश्य हासिल किया, जिसके लिए इसे चार-पांच साल पहले विचार के बाद बनाया गया था’.

कोहली ने पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की अंक प्रणाली में अचानक संशोधन के आईसीसी के फैसले पर सवाल उठाया था.

कोहली ने कहा था, ‘निश्चित तौर यह हैरानी भरा है क्योंकि हमें बताया गया था कि डल्ब्यूटीसी में टॉप दो टीमें अंकों के आधार पर क्वालीफाई करेंगी. अब अचानक से यह प्रतिशत के आधार पर हो गया है. यह भ्रमित करने वाला है और यह समझना मुश्किल है’.

भारतीय कप्तान ने कहा था, ‘अगर पहले दिन से ही हमें इन चीजों के बारे में बताया जाता तो फिर इसका कारण समझना आसान हो जाता कि ऐसा बदलाव क्यों हुआ. लेकिन अचानक से ही ऐसा कर दिया गया और मुझे लगता है कि इसे समझने के लिए आईसीसी से सवाल पूछे जाने की जरूरत है कि ऐसा क्यों किया गया और इसके पीछे क्या कारण है’. आईसीसी कैलेंडर में टी 20 लीग और द्विपक्षीय क्रिकेट को शामिल करने मुद्दे पर बार्क्ले ने संकेत दिया कि सभी को सह-अस्तित्व में होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘जब हम कैलेंडर की बात करते हैं तो क्रिकेट के सभी प्रारूपों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है. कैलेंडर तेजी से भीड़भाड़ वाला बन रहा है. मैं इस बात का सम्मान करता हूं कि प्रत्येक देश को अपनी घरेलू लीग विकसित करने का अधिकार है, क्योंकि यह आईसीसी की आवश्यकताओं को पूरा करता है. अगर आप देखें तो आईपीएल, बीबीएल और सीपीएल जैसे लोगों का वास्तव में योगदान रहा है’.

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