शिक्षा के साथ राजनीति में योगदान देने पर ही यादव समाज तरक्की करेगा : महापौर
बिलासपुर. यादवों को श्रीकृष्ण का वंशज माना जाता है, लेकिन किसी भी यादव में उनका एक भी गुण दिखाई नहीं देता। अधिकांश यादव परिवार के मुखिया पैसे कमाने जाते हैं, लेकिन रास्ते में गंवा कर आ जाते हैं। इसलिए जरूरत है शिक्षित होने की। शिक्षित होने पर ही हम अपना भला और बुरा समझ सकते हैं। शिक्षा के साथ ही राजनीति में योगदान देने पर ही यादव समाज तरक्की कर सकता है। ये बातें महापौर रामशरण यादव ने घुटकू में आयोजित रावत नाच महोत्सव में कहीं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के मुखिया भूपेश बघ्ोल जब से सत्ता में आए हैं, तब से संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का काम कर रहे हैं। इससे पहले 18 साल तक प्रदेश में दूसरे मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन इतने सालों में छत्तीसगढ़ को पहचान नहीं मिली। आज छत्तीसगढ़ महतारी का राज गीत है। तस्वीर है। पिछले साल मुख्यमंत्री श्री बघ्ोल ने लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में आयोजित रावत नाच महोत्सव में शिरकत करने वाले हरेक दल को इनाम देने की घोषणा कराई थी, ताकि हमारे समाज के लोग अपनी संस्कृति को जीवित रख सकें। मेयर श्री यादव ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से यह मांग करेंगे कि ताला, मल्हार महोत्सव की तरह रावत नाच महोत्सव का आयोजन भी संस्कृति विभाग करे। उन्होंने इस मांग को सीएम तक पहुंचाने के लिए पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव से आग्रह किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव ने कहा कि श्रीकृष्ण को पूरा विश्व पूजता है। मेरे ख्याल से रावत नाच महोत्सव इसलिए आयोजित किया जाता है, क्योंकि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन कक्ष में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन वे जागते हैं। उनके जागने पर ही यादव समाज जश्न मनाते हुए सभी समाज को बताता है कि भगवान जाग गए हैं, अब कोई समस्या नहीं है। जिला पंचायत सभापति मीनू सुमंत यादव ने पर्यटन मंडल अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव से गांव के महामाया मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की मांग की। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भुवनेश्वर यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, तखतपुर के पूर्व विधायक जगजीत सिंह मक्कड़, तखतपुर से विधायक प्रत्याशी रहे संतोष कौशिक ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर हेमंत यादव, सतीश यादव, प्रमोद यादव, गोविंद यादव आदि मौजूद रहे।