November 22, 2024

उच्च रक्तचाप से बचाएगा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा : योग गुरु महेश अग्रवाल

भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक योग केंद्र  स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल कई वर्षो से निःशुल्क योग प्रशिक्षण के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहें है वर्तमान में भी ऑनलाइन माध्यम से यह क्रम अनवरत चल रहा है | वर्तमान कोविड 19 महामारी में भी हजारों योग साधक अपनी योग साधना की निरंतरता से विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं स्वस्थ एवं सकारात्मक रहते हुए सेवा के कार्यों में लगे है | योग गुरु अग्रवाल ने बताया कि प्रति वर्ष 17 मई को पूरे विश्वभर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है.जिसे कि वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे भी कहा जाता है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी की छोटी-छोटी समस्‍याएं कब आपका टेंशन बढ़ा कर आपको ब्लडप्रेशर का मरीज बना देती हैं, आपको इसका पता भी नही चलता। इसी वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

उच्च रक्तचाप क्या है, इसे कैसे नियंत्रित किया जाता है?
उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप, दो ऐसी दशायें हैं जो मन के विपरीत स्तरों के परिणाम हैं। इनका प्रभाव मस्तिष्क और नाड़ी मण्डल पर दिखाई पड़ता है। वातावरण और मानसिक तनाव जब सहनशक्ति की सीमा से बाहर हो जाते हैं, तब वे अति दाब या उच्च रक्तचाप पैदा करते हैं। दूसरे स्तर पर जब तनाव स्वीकृति की सीमा से कम होता है या दबा दिया जाता है, तब निम्न दाब या निम्न रक्तचाप होता है। अति तनाव की स्थिति का प्रभाव शरीर के कई हिस्सों में होता है। चिकित्सा शास्त्रीय पर्यवेक्षण के अनुसार इससे रक्तचाप बढ़ जाता है और पेप्टिक अल्सर भी हो सकता है अथवा कई दूसरे प्रकार के संकेत और लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह अति तनाव की स्थिति कुछ समय तक बनी रहे, तो अंततोगत्वा नाड़ी मण्डल तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाता और उसमें गिरावट  आ जाती है। ऐसा विशेषकर तब होता है जब मन के तनावों को शरीर पर प्रकट न होने दिया जाये। इसे ‘नर्वस ब्रेक डाउन’ या ‘डिप्रेशन’ कहते हैं। आदमी इस मानसिक तनाव को सहन नहीं कर पाता और पागल हो जाता है। कुछ लोगों में यह गिरावट शरीर में प्रकट होती है, मन में नहीं। उनका रक्तचाप गिर जाता है और शरीर में कई समस्यायें उत्पन्न हो जाती हैं। निम्न तनाव और अति तनाव दोनों को परस्पर सम्बन्धित करके समझना चाहिये। खैर, यह किसी भी हालत में हो, प्रत्येक स्थिति के लिये योग अभ्यास उपलब्ध हैं। इनमें मुख्य रूप से प्राणायाम का अभ्यास किया जाता है। क्रियायोग में भी कुछ अभ्यास हैं जो इसमें सहायक होते हैं, परन्तु उन्हें सुयोग्य शिक्षक से ही सीखना चाहिये।

उच्च रक्तचाप के लिये सबसे अच्छा योगाभ्यास क्या है?
उच्च रक्तचाप के लिये एक सरल अभ्यास है। सहज ढंग से सीधे लेट जाओ या आराम कुर्सी पर बैठ जाओ और अपनी श्वास की सजगता का अभ्यास करो। बस, सहज श्वास का, जो अपने आप आती-जाती है, ख्याल करते जाओ। मन और शरीर में कोई सम्पर्क सूत्र तो होना चाहिये न। उच्च रक्तचाप कम करने का यही सिद्धांत है। हम सबको मालूम है कि हमारी श्वास अंदर बाहर प्रवाहित होती है लेकिन कभी भी हम उसका ख्याल नहीं करते। जब इसके प्रति हम सचेत होते हैं तब क्या होता है? जब हम मन और शरीर के बीच एक तारतम्यता, एक सम्पर्क सूत्र कायम करते हैं तो तनाव कम होता है। यह कमी यथार्थ में होती है। इसे प्रत्यक्ष देखने के लिये अभ्यास के आरम्भ और अंत में रक्तचाप नापकर रखना चाहिये। दोनों ही बार विशिष्ट अंतर देखने को मिलेगा। शवासन, पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन, सिद्धासन, पवनमुक्तासन, नाड़ी-शोधन प्राणायाम (कुंभक न करें), सीतकारी, सीतली, चन्द्रभेदन प्राणायाम, उज्जायी, योग निद्रा। शांत भाव से बैठकर ईश्वर का ध्यान करें, एवं हमेशा बग़ैर तेल-मसाले के शाकाहारी भोजन ग्रहण करें।
*लक्षण* – सिरदर्द, चक्कर आना, घबराहट अनुभव करना, दम घुटना व ह्रदय की धड़कन बढ़ना,
*मुख्य कारण* – घी – तेल चिकनाई, नमक, मानसिक दबाब व तनाव, व्यायाम की कमी,मधुमेह, धूम्रपान,आनुवांशिक, आयु, मधुमेह, घात, हृदय,गुर्दे संबंधी रोग,
*प्राकृतिक चिकित्सा* – धूप – स्नान, उपवास, एनिमा, रीढ़ -स्नान, स्टीम बाथ, गरम पैर स्नान,
*मुख्य औषधीय आहार* – लहसुन, आँवला, नींबू, संतरा, मोसंबी, अनन्नास, अदरक, सेव फल, अजवाइन, ककड़ी (खीरा),
*मुख्य परहेज* – घी- तेल, चिकनाई, नमक, तनाव, मांस – मछली व अंडे,
अपने रक्तचाप को बढ़ाने के लिये कौन-कौन से आसन करें
रक्तचाप उच्च हो अथवा निम्न रहे, केवल एक सिद्धासन का अभ्यास करोगे तो बराबर सफलता मिलेगी। रक्तचाप को बढ़ाने के लिये  शशांकासन और शीर्षासन के साथ भस्त्रिका और कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास भी करना चाहिये। अंत में देर तक शिथिलीकरण का अभ्यास करें। योगा तनाव को कम करके रक्तसंचार को सामान्य करने का सबसे कारगर तरीका है।* उच्च रक्तचाप के रोगी को व्यायाम के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कोई भी काम नही करना चाहिए जिससे कि दिल की धडकन तेज हो। इसके अलावा समय पर सोना-उठना, आरामदायक व साफ बिस्तर, सोने वाले स्थान पर शांति आदि का ख्याल रखना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च  रक्तचाप से आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसमें हार्ट-अटैक, नस फटने और किडनी फेल होने का खतरा होता है इसलिए प्रेशर के रोगी को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए यदि आप डॉक्टर से सलाह लेते हैं तो डाक्टर आपको ढ़ेर सारी दवाइयां पकड़ा देते हैं। इन दवाइयों से आपको थोड़े समय के लिए तो राहत महसूस होता है लेकिन ये दवाइयां आपकी बीमारी का स्थायी समाधान नही हैं। इन दवाओं से आपको हमेशा के लिए आराम नही मिलता है बल्कि ज्यादा समय तक दवाओं के प्रयोग से इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। *इसलिए बल्डप्रेशर के उपचार के लिए आप योगा का रास्ता अपनाएं। जो कि बिना एक भी पैसे खर्च किए आपके ब्लड प्रेशर की समस्या को ठीक करने का बहुत ही अच्छा विकल्प है। दौड़ती-भागती एवं तनाव भरी जिंदगी में जिसे देखो वह हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो रहा है। उच्च रक्तचाप की समस्या कई बार ब्रेन-हैमरेज का कारण भी बन सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं में भी आखिरी तिमाही में हाई ब्लड प्रेशर के मामले बहुत देखने को मिलते हैं। इसे नियंत्रित नहीं करने पर मां-बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आप भी उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो दवाओं के अधिक सेवन से बचें। बेहतर होगा कि इस समस्या को आप योग मुद्रा एवं  प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए कंट्रोल करने की कोशिश करें।

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