युवा राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित हों- प्रो. चक्रवाल
सीयू में 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मना
बिलासपुर. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में दिनांक 15 अगस्त, 2023 को 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। विश्वविद्यकलय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा अपना समय व्यर्थ न करते हुए राष्ट्र निर्माण में स्वयं को समर्पित करें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल एवं सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. नीलांबरी दवे व कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने सर्वप्रथम बाबा गुरू घासीदास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। तत्पश्चात मां सरस्वती की प्रतिमा एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के उपरांत माननीय कुलपति महोदय ने राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया।
77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति महोदय प्रो. चक्रवाल ने ध्वजारोहण के पश्चात् विश्वविद्यालय के विभिन्न चार स्थानों पर स्थापित किये गये ”आई लव जीजीवी” के सेल्फी प्वाइंट का लोकार्पण किया। विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को 77वें स्वतंतत्रता दिवस की शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाईयां प्रेषित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अथक संघर्ष और लाखों बलिदानों के परिमाणस्वरूप आजादी प्राप्त हुई है। हमें अपनी स्वतंत्रता के मूल्य को समझते हुए समर्पित भाव और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पूर्ण मनोयोग के साथ निर्वहन करना चाहिए, यही हमारी राष्ट्र के प्रति सच्ची सेवा और भक्ति है।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने विश्वविद्यालय के आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) जमा करने पर बधाई देते हुए नैक मूल्यांकन हेतु सभी से सहयोग एवं समन्वित प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ग्रीन मेट्रिक्स
में बेहतर प्रदर्शन करते हुए हम कार्बन उत्सर्जन को कम करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इस वर्ष विश्वविद्यालय परिसर में 25 हजार पौधारोपण का लक्ष्य़ निर्धारित किया गया है।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों के प्रति अभिभावक की भावना से प्ररित होकर आदर्श स्वरूप स्थापित करना चाहिए जिससे उनकी व संस्था की प्रगति के साथ पारस्परिक सौहार्द सुनिश्चित हो। शिक्षकों का आदर्श व्यवहार और प्ररेणास्पद आचरण उन्हें गुरु के रूप में स्थापित करता है। माता-पिता प्रथम गुरु होते हैं लेकिन विद्यार्थियों की नैतिक और व्यावसायिक प्रगति में गुरु का अहम योगदान होता है। उन्होंने विश्वास जताया कि हमारे सकारात्मक और संवेदनशील प्रयास विश्वविद्यालय को देश ही नहीं वरन विश्व के श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों की श्रेणी में लाएंगे।
इससे पूर्व कुलपति महोदय ने एनसीसी, एनएसएस तथा विश्वविद्यालय सुरक्षाकर्मियों के परेड की सलामी ली। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम में समस्त विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।