जेटली ने अपने अंतिम ट्वीट में दी थी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि, आर्टिकल 370 पर लिखा था अंतिम ब्लॉग

नई दिल्लीपूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को एम्स में निधन हो गया. जेटली का गुरुवार को डायलिसिस हुआ था. वह 66 वर्ष के थे. शनिवार को दोपहर 12.07 बजे निधन हुआ. वह एम्स में 9 अगस्त से भर्ती थे और उनका इलाज वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में हो रहा था. जेटली मोदी सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक थे. जब-जब मोदी सरकार मुश्किल में आई, वे सामने आए, उन्होंने सरकार का पक्ष मजबूती रखा. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से अंतिम ट्वीट 7 अगस्त को किया जिसमें उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताया.  

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “सुषमा जी के निधन दुखी हूं और टूट गया हूं. वह वर्तमान युग के सबसे उत्कृष्ट राजनेताओं में से एक थीं. उन्होंने सभी पदों में अपनी छाप छोड़ी. उन्होंने पार्टी में, विपक्ष में और एनडीए सरकार के साथ बड़े पदों पर काम किया. वह अपने पीछे एक ऐसा शून्य के पीछे छोड़ गई हैं जिसे भरना मुश्किल है.” 

जेटली का फेसबुक ब्लॉग भी बहुत मशहूर था. वह हर छोटे-बड़े मुद्दे पर अपने विचार फेसबुक के जरिये रखते थे. उन्होंने अपने अंतिम ब्लॉग में संसद के वर्तमान सत्र की उपलब्धियों को गिनाया था. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, “संसर का वर्तमान सत्र सबसे ज्यादा सफल रहा जिसमें कई ऐतिहासिक बिल पास हुए. ट्रिपल तलाक, यूएपीए बिल और सबसे अप्रत्याशित आर्टिकल 370 को हटाना. ज्यादातर लोगों का मानना था कि बीजेपी अनुच्छेद 370 को हटाने के अपने चुनावी वादे को पूरा नहीं कर पाएगी, लेकिन वे गलत साबित हुए.’ 

मोदी सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक थे जेटली 
जेटली मोदी सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक थे. जब-जब मोदी सरकार मुश्किल में आई, वे सामने आए, उन्होंने सरकार का पक्ष मजबूती रखा. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जब वह वित्त मंत्री थे, तब सरकार के पक्ष में हर मुद्दे को ब्लॉग और अन्य माध्यमों से जनता के बीच रखा. फिर चाहे वह नोटबंदी का मामला हो या जीएसटी. लगभग हर बड़े मुद्दे पर सरकार का बचाव किया. उन्होंने विपक्ष से रायशुमारी बनाकर अहम बिल पास करवाए.  



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