September 26, 2023

अजीत जोगी आदिवासियों के लिये घड़ियाली आंसू बहा रहे है : मोहन मरकाम

Read Time:3 Minute, 59 Second

रायपुर. अजीत जोगी द्वारा कांग्रेस सरकार पर लगाये झूठे निराधार आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा मनाये जा रहे विश्व आदिवासी दिवस का विरोध करके अजीत जोगी ने यह साबित कर दिया कि वे तकनीकी रूप से ही नकली आदिवासी नहीं है। मानसिक रूप से आदिवासी विरोधी है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वर्षो से आदिवासियों का हक मारने वाले अजीत जोगी को राज्य में आदिवासियों के मान सम्मान और उत्सव और प्रतिष्ठा भी बर्दाश्त नहीं है। राज्य बनने के बाद खुद को आदिवासी नेता बता कर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने वाले जोगी के अंदर यदि तनिक भी आदिवासी संस्कार होते तो 2000 में ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी दिवस उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हो जाती और आदिवासियों के इस सम्मान पर्व पर अवकाश की घोषणा भी हो जाती, लेकिन आदिवासी समाज का हक एक फर्जी कागज के सहारे छीनने वाले से आदिवासियों के सम्मान की अपेक्षा नहीं की जा सकती। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अजीत जोगी आदिवासियों के लिये घड़ियाली आंसू बहा रहे है। नंदीराज पर्वत मामले में ग्रामसभा की जांच और पेड़ कटाई पर रोक जैसे अहम् फैसलें कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने ही लिये है। नंदीराज पर्वत और दीगर मामलों में जोगी के कांग्रेस पर आरोप पूरी तरह से निराधार असत्य एवं तथ्यहीन है। दरअसल छत्तीसगढ़ के आदिवासी विश्व आदिवासी दिवस पर कोंटा से बलरामपुर तक उत्साह और खुशी के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाने जा रहे है। आदिवासियों की खुशियां अजीत जोगी को बर्दाश्त नहीं हो रही है। पहली बार ऐसी सरकार छत्तीसगढ़ में आयी है। जिसने आदिवासियों की खुशियों को अपनी खुशी बनाया है और विश्व आदिवासी दिवस के दिन छुट्टी घोषित की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पूरा छत्तीसगढ़ जानता है कि अजीत जोगी स्वयं फर्जी आदिवासी होने के आरोपों के घेरे में है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया जारी है जिसे लगातार अजीत जोगी जी ने 15 वर्षो तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह जी के सहयोग से बाधित किया है। अजीत जोगी आदिवासियों के हितैषी होते तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री काल में 9 अगस्त 2002 को विश्व आदिवासी दिवस के दिन आदिवासियों के चेहरों पर कालिख नहीं पोती जाती। आदिवासियों के चेहरों पर कालिख पुतवाकर किस मुंह से अजीत जोगी आदिवासियों का चिंता कर रहे है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी यह कभी नही भूल सकते कि अजीत जोगी के कार्यकाल में आदिवासियों को जेल भिजवाया गया था।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को खिलाई गई कृमिनाशक दवा
Next post कांग्रेस सरकार आदिवासियों के हक में काम करने वाली सरकार : अटल श्रीवास्तव
error: Content is protected !!