आंगनबाड़ी कार्यकर्तओं ने घर घर में रेडी टू ईट पोषण आहार का किया वितरण


गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही. आज जहां कोरोना महामारी के कारण सम्पूर्ण प्रदेश में लाॅकडाउन की स्थिति है वहीं गर्भवती माताओं शिशुवती माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण तथा 6 वर्ष तक के बच्चे के प्रारंभिक देखरेख व शिक्षा तथा पोषण स्तर संबंधी संपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में  बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को ध्यान में रखते हुए लाॅकडाउन की अवधि में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जिले के सम्पूर्ण 838 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3199 गर्भवती माताओं को 900 ग्राम रेडी टू ईट प्रति सप्ताह के मान से, 2862 शिशुवती माताओं को 900 ग्राम रेडी टू ईट प्रति सप्ताह के मान से, 6 माह से 3 वर्ष के 14572 सामान्य व मध्यम कुपोषित बच्चों तथा 3 से 6 वर्ष तक के 13724 बच्चों को 750 ग्राम प्रति सप्ताह के मान से तथा 6 माह से 3 वर्ष के 305 गंभीर कुपोषित बच्चों को 1200 ग्राम प्रति सप्ताह के मान से रेडी टू ईट कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर प्रदाय किया गया है। मुख्यमंत्री पोषण अभियान अंतर्गत जिले की कुल 2862 शिशुवती माताओं को सूखा राशन चावल, मिक्स दाल तथा चना भी प्रदाय किया गया। इस अभियान अंतर्गत जिले में कुल 5703 मध्यम व गंभीर बच्चें चिन्हांकित किये गये हैं जिन्हें पौष्टिक लड्डू वितरित किया गया है। जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख और शिक्षा के लिये डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से छत्तीसगढ़ी बोली में बालगीत, कविता के वीडियो के द्वारा बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृहभेंट कर कोरोना संक्रमण से बचाव, सामाजिक दूरी, स्वच्छता आपातकालीन स्थिति में उपयोग किये जाने वाले टोल फ्री नंबर 108, 112, 104 व 102 के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। गर्भवती माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य व टीकाकरण का ध्यान भी स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग कर कार्यकर्ताओं द्वारा रखा जा रहा है। इस सभी के अतिरिक्त जिले में कार्यकर्ताओं द्वारा ग्राम में बाहर से आये व्यक्तियों की जानकारी भी तत्काल ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे जिले में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम में सहायता मिल रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गुणवत्तापूर्वक दायित्वों के संपादन के लिए पर्यवेक्षकों और परियोजना अधिकारियों द्वारा उन्हें डिजिटल माध्यम से सतत् मार्गदर्शन दिया जा रहा है और सतत निरीक्षण भी किया जा रहा है।जिले में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों के घर घर जा कर रेडी-टू-ईट पोषण आहार वितरण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताये हितग्राहियों के परिवार के सभी सदस्यों को अपने घरों में रहने, कोरोना वायरस से बचने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने एवं हाथों को साबुन से बार बार धोने के लिए भी प्रेरित कर रहें है। इस विषम परिस्थिति में घर मे ही रेडी टू ईट पोषण आहार का पैकेट मिलने से बच्चों के अभिभावक प्रसन्नता जाहिर कर रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के  संबंध में जिले के बच्चों, महिलाओं और ग्रामीणों को भी जागरूक करने में अपनी भूमिका का सफलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जाकर बच्चों को डिजिटल तकनीक के माध्यम से पढा रहे पाठ, बच्चों को भा रहा यह अनूठा प्रयास कोविड -19 संक्रमण से बचाव हेतु लगाए गए लॉकडाउन अवधि में आंगनबाड़ी के बच्चों के मानसिक विकास तथा उन्हें आंगनवाड़ी से जोड़े रखने के लिए जिले के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के घरों में  ही डिजिटल तकनीक के माध्यम से  पाठ पढ़ा रहे है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभाग द्वारा तैयार वीडियो बच्चों को मोबाइल से दिखाते है। बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ की यह पहल बहुत भा रही है और उन्हें आंगनबाड़ी का अहसास घर मे ही हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता  इस दौरान लॉकडाउन  के निर्देशों तथा  फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी बखूबी से अनुपालन सुनिश्चित करा रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत जिले के कार्यकर्ता अपने -अपने सेक्टर  अन्तर्गत  गांव के 3 से 6 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनका नाम आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज है, के घर   महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा तैयार किये गए वीडियो को  मोबाईल से बच्चों को दिखाती हैं। फिर स्वयं अभिनय  करके बताती है और बच्चों  को भी उसका अनुसरण करने कहती  हैं।बच्चों को वीडियो दिखाने  और अभिनय को दोहराने के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के तहत  कम से कम 1 मीटर की दूरी रखा जाता है। इस दौरान उनके परिवार के सदस्य  उपस्थित रहते हैं।  इस पूरी प्रक्रिया के लिए हितग्राही के घर में ऐसे जगह का चयन किया जाता है जहां अच्छा खुला जगह हो। इस तरह बच्चों में वीडियो देखकर और वीडियो के अनुसार कार्यकर्ता द्वारा सिखाने से बच्चों में सीखने की ललक जग रही है और साथ ही उनका मनोरंजन भी हो रहा है। लाकडाउन के दौरान इस प्रकार की अनूठी पहल का बच्चों के पालक भी  तारीफ कर रहे हैं। पेंड्रा विकासखण्ड की ग्राम कुदरी की श्रीमती ललिता ने बताया कि उनके 5 व 2 साल के दो बच्चे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेडी टू ईट का वितरण भी करती हैं और कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताती हैं। घर मे आकर मोबाइल से शिक्षावर्धक वीडियो भी दिखाते हैं। पेंड्रा विकासखण्ड की पिपलामार गाँव की श्रीमती राजकुमारी ने बताया कि उनकी डेढ़ साल की बच्ची है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं घर आकर रेडी टू ईट फूड का वितरण करती हैं और बच्चों को ज्ञानवर्धक एवं मनोरंजक वीडियो भी दिखाती हैं। आंगनबाड़ी  कार्यकर्ता कोरोना से बचाव के संबंध में उपाय बताती हैं तथा फिजिकल डिस्टेंसिन्ग का पालन करने के लिए प्रेरित करती हैं।

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