September 26, 2023

गनियारी के आजीविका आंगन में उपलब्ध कराया जा रहा है 5 रूपये में गर्म खाना

Read Time:4 Minute, 32 Second

बिलासपुर. तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम गनियारी में स्थापित मल्टी स्कील सेंटर ‘आजीविका आंगन’ में प्रशिक्षण लेकर रोजगार करने वाली महिलायें बहुत ही खुश हैं। क्योंकि उन्हें अपने दोपहर के भोजन की चिंता नहीं रही। जिसके लिये उन्हें रोज सुबह उठकर मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्हें परिसर में ही 5 रूपये में घर जैसा स्वादिष्ट गर्म भोजन उपलब्ध हो रहा है। कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग की पहल पर गनियारी के आजीविका आंगन में श्रम विभाग द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न सहायता योजना के तहत 5 रूपये में गर्म दाल, भात, सब्जी और चटनी उपलब्ध कराया जा रहा है। इतनी कम राशि में घर जैसा भोजन भरपेट खाकर महिलायें तृप्त हो रही है। आजीविका आंगन में अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण लेकर यहीं अपना व्यवसाय करने वाली ग्राम नेवरा की श्रीमती चमेली साहू ने बताया कि वह प्रतिदिन सुबह 10 बजे अपने काम में पहुंच जाती है। दोपहर तक टिफिन में लाया हुआ उसका खाना ठंडा हो जाता था। लेकिन अब परिसर में ही गर्म खाना मिल रहा है। इसलिये रोज-रोज टिफिन लाने का झंझट नहीं रहेगा और अपने काम में वह ज्यादा ध्यान दे पाएगी। ग्राम गनियारी की श्रीमती संतोषी सूर्यवंशी सिलाई प्रशिक्षण लेकर स्कूल ड्रेस सिलाई का कार्य कर रही है। अपने काम में आने के पहले सुबह परिवार के लिये भोजन बनाती है। लेकिन जल्दबाजी में उसे खाने का समय नहीं मिलता। होटल में खाना महंगा पड़ता है। लेकिन अब वह 5 रूपये में भरपेट खाना खा रही है। ग्राम भरारी की श्रीमती रजनी वस्त्रकार कांच की चूड़ी निर्माण का प्रशिक्षण लेकर इस व्यवसाय से जुड़ गई है। वह भी सुबह घर से खाना लेकर आती है और साथ में छोटा बच्चा भी आता है। उसका लाया खाना ठंडा हो जाता है। जिससे बेमन से खाना और बच्चे को भी खिलाना पड़ता है। सरकार के इस योजना से वह बहुत संतुष्ट है। ग्राम पेण्डारी की कुमारी सरिता वस्त्रकार बैग निर्माण का प्रशिक्षण ले रही है। उसका गांव दूर है, इसलिये उसे जल्दी निकलना पड़ता है। इस जल्दबाजी में उसे दोपहर का खाना नहीं मिलता। अब उसे भी समय पर भोजन मिल रहा है। 
मरीज के परिजन भी हैं खुश : श्रम विभाग के इस योजना से आजीविका आंगन की महिलायें ही नहीं, बल्कि गनियारी जन स्वास्थ्य सहयोग केन्द्र में इलाज के लिये आने वाले गरीब मरीजों के परिजन भी लाभान्वित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले से सुरेश सिंह अपने पेट की बीमारी का इलाज कराने आये हैं। पिछले 12 दिन से उसके साथ आये परिजन धर्मशाला में चूल्हा जलाकर खाना बना रहे हैं। जिससे उन्हें बहुत असुविधा हो रही है। उन्हें भी 5 रूपये में गर्म भोजन यहां मिल रहा है। मध्यप्रदेश के ही अनूपपुर जिले की श्रीमती मुन्नी बाई विगत 8 रोज से परिसर में चूल्हा जलाकर खाना बना रही है। जिसके लिये वह लकड़ी भी अपने गांव से साथ लेकर आई है। उसका पति अस्पताल में भर्ती है। चूल्हे में जैसे-तैसे खाना बनाकर   अपना पेट भर रही मुन्नी बाई को बहुत दिन बाद घर जैसा खाना वहां मिला। इस योजना के संचालन से गरीब और मजदूर एक समय की भोजन की चिंता से मुक्त हो गये हैं।           

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post 19 वीं अखिल भारतीय रेलवे जम्बूरी हेतु प्रथम बैठक सम्पन्न
Next post ताम्रध्वज साहू के निर्णय से वाहन चेकिंग के नाम पर हो रही अवैध वसूली होगी बंद, कांग्रेस ने किया स्वागत
error: Content is protected !!