जोनल रेल कार्यालय ने उपन्यासकार सम्राट मुंशी प्रेमचंद को याद किया

बिलासपुर. मुंशी प्रेमचदं जी की जयंती की पूर्व संध्या पर जोनल कार्यालय में कहानी पाठ, काव्य पाठ एवं उनकी जीवनी पर आधारित संगोष्ठी रखी गई. उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों प्रेमचंद की तस्वीर एवं प्रदर्शनी में रखी उनकी कृतियों पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
              हिंदी साहित्य के युग दृष्टा एवं महान कथा शिल्पी , भारतीय जनता के जीवन के संघर्ष और स्वप्न के सच्चे चितेरे मुंशी प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या पर जोनल रेल कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आज के परिवेश में हिंदी की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए प्रेमचंद जी के प्रति आभार जताया कि शब्दों के जादूगर और कहानी के सम्राट ने सदियों के लिए अपने सभी पात्रों को जीवंत रखा और आज समाज की परिस्थितियां ठहर-सी गई है. आज भी उनकी कहानियों हमें आइना दिखाती है कि आधुनिकता रूपी कल कारखानों से देश का विकास नहीं होता बल्कि आधुनिक सोच के साथ समाज में व्याप्त बुराइयों को आधुनिक ढंग से त्वरित हल करने की कोशिश करें. आज उसी पात्र का पहनावा और खानपान तो बदल गया लेकिन सर्वहारा वर्ग के प्रति उनकी सोच कब बदलेगी . यह आधुनिक समाज के लिए चिंतन का एक विषय है।
          कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री शशि प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर रेल परिसर में इतना बड़ा कार्यक्रम पहली बार हुआ है जिसमें प्रेमचंद के हवाले से नये संवाद स्थापित किये गये.जयंती मनाने  के पीछे मुख्य उद्देश्य है महान व्यक्तित्व को याद करना.  प्रेमचंद हिंदी साहित्य के कृति स्तम्भ रहे हैं. उनकी कहानियों में साधारण एवं समसामयिक जीवन की ज्वलंत तस्वीर देखने को मिलती है. जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिस पर इन्होंने रचनाएं न लिखीं हों. विदेशों में भी लोग इनकी कहानियों को पढ़कर हिंदी सीखते हैं. इतना ही नहीं, उनकी आयु भी लंबी नहीं रही तथापि इन्होंने इतनी रचनाएं की हैं कि लोग पीएचडी कर रहे हैं. अपने पुस्तकालय में इनकी लिखी अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं और आप सभी अनुरोध है कि आप उन पुस्तकों का पुनः अध्ययन करें.। 
           कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य सामग्री प्रबंधक ( ईएंडजी) श्री पी.के.बी. मेश्राम, मुख्य कार्मिक अधिकारी (औद़योगिक संबंध ) श्री दीपक कुमार गुप्ता ,मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री शशि प्रकाश द्विवेदी,मुख्य सामग्री प्रबंधक- 3 श्री मनोज कुमार, उप मुख्य परिचालन प्रबंधक श्री मुखर्जी, मंडल परिचालन प्रबंधक , बिलासपुर मंडल श्री साकेत रंजन एवं वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी श्री संतोष कुमार. उपस्थित हुए इस अवसर पर साकेत रंजन ने कालजयी रचनाकार प्रेमचंद की कहानियों पर विस्तार से चर्चा की. श्री मुखर्जी ने अपनी स्वरचित व्यंग्य ‘‘ वाट्सएप‘ को खूबसूरत अंदाज में पेश किया जिसके कारण अपनी हंसी नहीं रोक पाये .वही श्रीमती अतिया मसूद जब अपनी कहानी ‘‘आनंदी‘‘  पेश कर रहीं थीं तो हॉल में ‘पिन ड्रॉप साइलेंस ‘ था . यह नई सदी की बडे़ घर की बेटी पर लिखी गई एक अच्छी कहानी थी जिसमें बहू अपनी सास को मां के जैसा प्यार करती है . प्रेमचंद जयंती के इस अवसर पर श्री अजय कुमार, श्री मोहम्मद इमरान, श्री टी. श्रीनिवास एवं श्री दुर्गेश ने अपने विचार एवं अपनी रचनांए प्रस्तुत किये।
             श्री खुर्शीद हयात, मुख्य  नियंत्रक ( कोचिंग) एवं प्रसिद्ध कथाकार एवं आलोचक ने इस कार्यक्रम का संचालन के दौरान प्रेमचंद के बारे अच्छी समीक्षा की .उन्होंने कहा कि ‘सवा सेर गेहूं का शंकर ‘ आज भी जीवित है . बड़े घर की बेटी मंगलसूत्र पहने आज भी अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाती है . प्रेमचंद के कथा सहित्य पर वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी श्री विक्रम सिंह ने सोजे वतन से लेकर उनकी कहानियों पर संक्षिप्त में चर्चा की।

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