December 6, 2023

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ट्रेनों की औसत गति में बढ़ोत्तरी होगी आटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली से

Read Time:4 Minute, 33 Second

बिलासपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे अपने कार्यक्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ़्तार में बढ़ोत्तरी के लिए हमेशा से प्रयास करती रही है, ताकि यात्रियों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। इस दृष्टी से सिग्नल एवं टेलीकम्युनिकेशन विभाग ट्रेन के परिचालन मे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते आ रही है। ट्रेनों को किलोमीटर-दर-किलोमीटर सुरक्षित आगे बढ़ते हुए गाड़ियों का सिलसिला निरंतर बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ते हुये अपने गंतव्य तक सुरक्षित यह विभाग पहुंचाता है। गाड़ियों को और अधिक गति प्रदान करने की दृष्टी से सिग्नल एवं टेलीकम्युनिकेशन विभाग द्वारा आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली चरणबद्ध तरीके से लागू कर बहूआयामी लाभ प्रदान करनें का प्रयास कर रही है।  

रेलवे में अभी तक एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी को पार करने के बाद ही, सिग्नल हरी होती है तब जाकर अगली दूसरी गाडी को उस खंड पर आगे बढ़ने के लिए छोडी जाती है, परन्तु अब कुछ रेल खण्डों में आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू हो जाने के कारन उन खण्डों पर प्रत्येक किलोमीटर में सिग्नल लगाए गये है, जिससे एक स्टेशन से छूटकर दूसरे स्टेशन के पहुचने तक लगभग पत्येक किलोमीटर पर लगे सिग्नल से होकर गुजरने पर गाडी की सही स्थिति का पता चल जाता है। 

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में वर्तमान में कलमना से गोंदिया तक 124 किलोमीटर का 15 ब्लाक स्टेशन का रेल खंड एवं गोंदिया से गुदमा तक 12 किलोमीटर का 1 ब्लांक स्टेशन का रेल खंड, गतौरा से बिलासपुर तक 6.4 किलामीटर का 1 ब्लॉक स्टेशन का रेल खंड, बिलासपुर से दाधापारा तक 7.2 किलोमीटर का 1 ब्लांक स्टेशन का रेल खंड पूर्णतः आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली युक्त कर दी गयी है। इसके अतिरिक्त बिलासपुर से जयरामनगर तक 14 किलोमीटर का कार्य प्रगति पर है। जयरामनगर से गतौरा स्टेशन तक 8 किलोमीटर, बिलासपुर से बिल्हा स्टेशन तक 16 किलोमीटर, आमगांव से सालेखसा स्टेशन तक 19 किलोमीटर एवं बिलासपुर से घुटकू स्टेशन तक 16 किलोमीटर रेल खण्डों को आटोमेटिक सिग्नल प्रणालीयुक्त करने की स्वीकृती प्राप्त हो चुकी है। 

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू हो जाने से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अनेक लाभ रेलयात्रियो एवं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ग्राहकों को होगी जैसे- सम्पूर्ण रूप से आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू हो जाने से रेल खंडों की क्षमता में काफी वृद्धी होगी, जिसके फलस्वरूप प्रत्येक गाडी की औसत रफ्तार में भी काफी वृद्धी हो जायेगी। गाड़ियों को किलोमीटर-दर-किलोमीटर ट्रेस करना आसान हो जाएगा, जबकि अभी एक स्टेशन से दुसरे स्टेशन तक ही हो पा रही है। इस प्रकार किसी भी एक खंड पर गाड़ियों का जमाव की स्थिति नहीं बन पाएगी। इस प्रणाली से संरक्षा की दृष्टी से गाड़ियों का परिचालन में काफी सुधार आयेगी, अतः आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली सभी  दृष्टी से सुविधाजनक एवं लाभदायक सिद्ध होगी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post जमीनों के गाईड लाईन में 30 फीसदी कमी कर कांग्रेस सरकार ने रमन सरकार की गलती को सुधारा
Next post मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति को 15वें वित्त आयोग के सदस्य डॉ. आलोक लहरी ने स्पष्टतः साबित किया
error: Content is protected !!