मनीष तिवारी दे रहे थे अनुच्छेद 370 के समर्थन में दलीलें, शाह के सवाल पर हो गई बोलती बंद!

नई दिल्ली. लोकसभा में मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल पेश किया. चर्चा की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है. इस पर कानून बनाने का संसद को पूरा अधिकार है. कांग्रेस के राज में अनुच्‍छेद 370 पर दो बार संशोधन हुआ. इस बीच, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सरकार को घेरने के प्रयास में सेल्फ गोल कर गए. फिर, कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोर्चा संभाला. उन्होंने बात संभालने की कोशिश की लेकिन गृहमंत्री अमित शाह के सीधे सवाल पर वह भी फंस गए और सीधा जवाब नहीं दे सके. 

‘जम्मू-कश्मीर अभिन्नन अंग है वो नेहरू के कारण’
मनीष तिवारी ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा, “ये एक संविधानिक त्रासदी है. बिना विधानसभा के राय के धारा 370 को खत्म नहीं कर सकते हैं. यह गलत है. आज आप धारा 370 को खत्म करके क्या संदेश देना चाहते हैं कि धारा 371 को भी समाप्त कर देंगे. ये किस तरह का कदम है. जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट तो दिया लेकिन उसके संविधान को क्या होगा? क्या सरकार यहां पर उस संविधान को खारिज करने के लिए भी विधेयक लेकर आएगी. सरकार ने अलग अलग पहलुओं पर विचार ही नहीं किया. जूनागढ़ ने पाक से विलय करने का फैसला लिया था 15 अगस्त 1947 को.. जनाक्रोश था, फिर जनशुमारी हुई थी और वो भारत के साथा आ गया…पाक यूएन में मसले को ले गया लेकिन खारिज कर दिया गया. अगर जूनागढ़, हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर अभिन्नन अंग है वो नेहरू के कारण हैं.”

इस पर शाह ने सवाल किया, “कांग्रेस ने स्पष्ट नहीं किया है कि वो धारा 370 हटने के खिलाफ में है या साथ है?” 

लगता है कि मनीष तिवारी को गृहमंत्री शाह से इस तरह के सीधे सवाल की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने संभलते हुए कहा, “बगैर विधानसभा की रायशुमारी के आप ऐसा नहीं कर सकते है. आपको जवाब मिल गया होगा.”
 
उधर, लोकसभा में अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री और उधमपुर से सांसद डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने से कांग्रेस को ऐतराज क्यों है, हम तो कांग्रेस का एजेंडा आगे बढ़ा रहे है. डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘आज से ठीक 66 साल पहले 11मई 1953 को अमृतसर पंजाब से होते हुए मेरे क्षेत्र से होते हुए श्यामा प्रसाद जी ने गिरफ्तारी दी थी. और अटल बिहारी वाजपेयी को कहा था. तुम वापस जाओ और दुनिया को बताओ की मैंने जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर लिया है.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज अगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी होते तो कहते, जाओ दुनिया को बता दो कि मोदी ने अनुच्छेद 370 का निरस्त कर दिया है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि धारा 370 आजाद के बाद सबसे बड़ी गलती थी और आज प्राश्यचित की घड़ी आई है. अगर नेहरू ने अलग भूमिका निभाई होती तो आज इतिसाह कुछ होता. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पटेल ने ही जूनागढ़ और हैदराबाद को डील किया था लेकिन नेहरू मानते थे वह जम्मू कश्मीर को सरदार से ज्यादा जानते हैं इसलिए उन्हें अलग रखा गया. नेहरू ने सामूहित जिम्मेदारी नहीं निभाई और सरदार पटेल को गृह मंत्री रहते हुए भी जम्मू कश्मीर के मामले से उन्हें अलग कर दिया.


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